आदमपुर (अग्रवाल)
प्रदेश का वार्षिक बजट 1 लाख करोड़ रुपए से अधिक है। प्रदेश के खजाने का लाभ केवल ढाई लाख नौकरशाह, नेताशाह को ही मिल रहा है। यह बात न्याय पक्ष के संस्थापक रणदीप लोहचब चौधरीवास ने मंगलवार को गांव खासा, फ्रांसी, जगाण, कालीरावण, दड़ौली, चूली कलां, चूली खूर्द, चूली बागडिय़ान में जनसभाओं को संबोधित करते हुए कही। उन्होंने कहा कि अढ़ाई करोड़ उपेक्षा का शिकार है। प्रति व्यक्ति आय एक लाख 65 हजार रुपए वार्षिक है। परंतु आधे से अधिक परिवारों की वार्षिक आय 50 हजार रुपए से कम है। इस परिवारों के बच्चों को पौष्टिक आहार नहीं मिलता। ये मूलभूत आवश्यकताओं से वंचित है।
न्याय पक्ष के संस्थापक ने कहा कि सरकार को ऐसे परिवार जिनकी वार्षिक आय 3 लाख रुपए से कम है उन्हें घी, दूध, साबुन, सोडा सस्ती दरों पर दिया जाना चाहिए। जो किसान परम्परागत खेती करने वालों के वंशज हैं आज भी खेती के अतिरिक्त जिनका कोई अन्य व्यवसाय या आमदन नहीं है उन्हें 5 हजार मासिक किसान पैंशन देना न्याय है। ताकि वह देश के लिए खेती करना न छोड़े। उन्होंने कहा कि प्रदेश में बेरोजगारी गंभीर समस्या है। जिसका समाधान संभव है। प्रदेश सरकार अनावश्यक शासन, प्रशासन के खर्चों को रोक कर तथा नौकरशाहों के वेतन भत्तों की वृद्धि पर रोक लगाकर ग्रामीण क्षेत्रों में सैंकड़ों उद्योग लगाकर, शहरों में शॉपिंग माल खोल कर, गांव में सरकारी दुकान खोल कर लाखों शिक्षित युवाओं को रोजगार दे सकती है। जिस परिवार की वार्षिक आय 6 लाख रुपए तक है उस परिवार के हर सदस्य को बीमार पडऩे पर मुफ्त दवाई व उसका मुफ्त ईलाज किया जाए। मनरेगा को किसान के खेत से जोड़ कर, मजदूर को साल में 260 दिन रोजगार मिले। सरकारी नौकरियों में आयोग द्वारा ली जा रही परीक्षा में सरकारी स्कूल में पढ़े बच्चों को परीक्षा 10 प्रतिशत अतिरिक्त अंक दिए जाएं। ऐसा करके सरकार उपेक्षित के साथ न्याय कर सकती है। सरकार को इस बजट से पहले घोषणा करके जनता से न्याय करना चाहिए।