धर्म

परमहंस स्वामी सदानंद जी महाराज के प्रवचनों में से—7

थॉमस एल्वा एडिसन प्राइमरी स्कूल में पढ़ते थे। एक दिन घर आए और मां को एक कागज देकर कहा, टीचर ने दिया है। उस कागज को देखकर मां की आंखों में आंसू आ गए। एडिसन ने पूछा क्या लिखा है?? मां ने आंसू पोछकर कहा—इसमें लिखा है कि आपका बच्चा जीनियस है और हमारा स्कूल छोटे स्तर का है। शिक्षक बहुत ज्यादा प्रशिक्षित नहीं है। इसे आप स्वयं घर पर शिक्षा दे।

कई वर्षों बाद जब मां गुजर गई। एडिसन एक प्रसिद्ध वैज्ञानिक बन चुके थे। एक दिन अलमारी में एडिसन को एक कागज का टुकड़ा मिला। उन्होंने उत्सकतावश उसे खोलकर पढ़ा। यह वहीं कागज था, जिस पर लिखा था कि आपका बच्चा बौद्धिक तौर पर कमजोर है, उसे अब स्कूल न भेजे। एडिसन घंटों रोते रहे। फिर उन्होंने अपने डायरी में लिखा—एक महान मां ने बौद्धिक स्तर पर कमजोर बच्चे को सदी का महान वैज्ञानिक बना दिया।

प्रेमी सुंदरसाथ जी,अभिभावकों की यही सकारात्मकता एक बच्चे का भविष्य तय करती है। इसलिए अपने बच्चों के साथ सदा सकारात्मक सोच के साथ पेश आना चाहिए। उनकी असफलता पर मारने या डांटने के स्थान पर उनकी कमजोरी को स्वये दूर करने का प्रयास करना चाहिए।

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Jeewan Aadhar Editor Desk

सत्यार्थप्रकाश के अंश-38