फतेहाबाद

फ्लॉप रैली का नजला गिरेगा सरकारी अधिकारियों और कर्मचारियों पर

फतेहाबाद (साहिल रुखाया)
जींद में हुई भाजपा की फ्लॉप रैली के बाद भाजपा नेताओं की कुंभकर्णी नींद टूट गई है। रैली के फ्लॉप होने का मुख्य कारण नीचे स्तर तक भाजपा कार्यकर्ताओं की नराजगी का माना जा रहा है। पहले भी कई बार कार्यकर्ता पार्टी के मंथन शिविरों में इसकी शिकायत कर चुके है। कार्यकर्ताओं द्वारा रैली में बेरुखी दिखाना पार्टी नेताओं को नींद से झकझोर गया है। सूत्रों के अनुसार भाजपा आलाकमान ने अब ऐसे अधिकारियों की सूचि तैयार करवानी आरंभ कर दी है जो पार्टी कार्यकर्ताओं की लगातार अनदेखी कर रहे है।

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बताया जा रहा है कि गुप्तचर विभाग अंदर खाते जिला स्तर पर बैठे अधिकारियों की सूचि तैयार करने में लगा हुआ है। अधिकारियों की सूचि में उनकी पार्टी के प्रति झुकाव को विशेष रुप से देखा जा रहा है। पता लगाया जा रहा है कि कौन—सा अधिकारी किस पार्टी के प्रति रुचि रखता है और कौन—सा अधिकारी राजनीति से तटस्थ रहकर काम कर रहा है। इस सबके पीछे कारण बताया जा रहा है कि जिला स्तर पर बैठे बहुत से अधिकारी जानबुझकर भाजपा कार्यकर्ताओं के काम को लटकाकर रखते है। इससे कार्यकर्ताओं में पार्टी के प्रति उदासीनता पनपने लगी है।
बाइक रैली में बूथ स्तर के कार्यकर्ताओं द्वारा रुचि न दिखाने का मुख्य कारण उनके छोटे—छोटे काम सरकारी कार्यालयों में न होना बताया जा रहा है। इससे भाजपा के साथ नए लोग तो जुड़ना तो दूर पुराने कार्यकर्ता भी उससे दूर होते जा रहे है। जींद रैली फ्लॉप होने का मुख्य कारण भी यहीं माना जा रहा है। पार्टी ने 15 हजार बूथ से 5—5 बाइक लाने का निर्देश कार्यकर्ताओं को दिया था, लेकिन रैली स्थल पर पहुंची बाइक की संख्या से साफ है कि बूथ स्तर से 5 तो दूर 1—1 बाइक भी नहीं पहुंच पाई। पार्टी कार्यकर्ताओं की बेरुखी से पार्टी के नेताओं में खलबली मच गई।
इसके चलते ऐसे अधिकारियों की सूचि तैयार करवाई जा रही है जो पार्टी के कार्यकर्ताओं के काम करने में रुचि नहीं दिखा रहे या फिर जानबूझकर उनके काम को लटका कर रखते है। पार्टी आलाकमान अब अपने बूथ स्तर तक के कार्यकर्ता के मान—सम्मान के लिए सचेत हो गया है। हलांकि कार्यकर्ताओं की नराजगी तो हर मंथन शिविर में सामने आ रही थी, लेकिन जींद रैली में न पहुंचकर कार्यकर्ताओं ने कुर्सियों पर बैठे नेताओं को साफ संदेश दे दिया कि कार्यकर्ताओं के बिना कोई पार्टी लंबे समय तक सत्ता में नहीं रह सकती। ऐसे में अब माना जा रहा है कि जल्द ही बड़ी संख्या में अधिकारी स्तर पर उलटफेर प्रदेश में देखी जायेगी। पार्टी कार्यकर्ताओं के काम न करने वाले और राजनीति में रुचि रखने वाले अधिकारियों को खुड्डा लाइन लगाया जायेगा, इनके स्थान पर राजनीति में तटस्थ रहकर काम करने वाले अधिकारियों को आगे लाया जायेगा।
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