हिसार

प्रदर्शन में उमड़ी भीड़ से उत्साहित आंगनवाड़ी महिलाओं ने दी कड़े आंदोलन की चेतावनी

हिसार,
आंगनवाड़ी वर्करों व हेल्परों को सरकारी कर्मचारी का दर्जा दिलवाने सहित अन्य मांगों को लेकर हरियाणा संयुक्त कर्मचारी मंच एवं आंगनवाड़ी इंपलाइज फैडरेशन ऑफ इंडिया से संबंधित आंगनवाड़ी वर्कर एंड हेल्पर्स यूनियन का आंदोलन 11वें दिन भी जारी रहा। बुधवार के प्रदर्शन के दौरान उमड़ी भीड़ से उत्साहित आंगनवाड़ी महिलाओं के हौंसले बुलंद है और उन्होंने कड़े आंदोलन की चेतावनी सरकार को दी है।

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जिला प्रधान बिमला राठी के नेतृत्व में लघु सचिवालय के समक्ष आंगनवाड़ी वर्करों व हेल्परों ने आंदोलन के 11वें दिन सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की और सरकार पर हर वर्ग की उपेक्षा करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि केन्द्र व प्रदेश की भाजपा नेतृत्व वाली सरकारों से कोई वर्ग संतुष्ट नहीं हैं। किसान, आंगनवाड़ी महिलाएं, मजदूर, कर्मचारी व छात्र सहित हर सरकार की गलत नीतियों के खिलाफ तथा जायज मांगे पूरी न होने के रोषस्वरूप सड़कों पर है सरकार के कानों पर जूं भी नहीं रेंग रही है। उन्होंने कहा कि आंगनवाड़ी वर्कर एंड हेल्पर यूनियन इस बार निर्णायक संघर्ष का मन बनाकर आंदोलन पर बैठी है। जब तक सरकार उनकी मांगे पूरी नहीं कर देती, तब तक उनका आंदोलन जारी रहेगा।

मांगों का जिक्र करते हुए बिमला राठी ने कहा कि आंगनवाड़ी वर्करों व हेल्परों को सरकारी कर्मचारी का दर्जा दिया जाए, अन्य कर्मचारियों की तरह 6 से 8 घंटे की ड्यूटी को देखते हुए योग्यता व ड्यूटी टाइम के हिसाब से उन्हें जेबीटी अध्यापक का ग्रेड दिया जाए, जिस तरह अन्य विभागों में 25 प्रतिशत प्रमोशन का कोटा है, उसी तरह उनको भी वरिष्ठता व योग्यता के अनुसार सीधे सुपरवाइज की पदोन्नति दी जाए, मोबाइल फोन की सुविधा दी जाए, वर्कर को 18 हजार हेल्पर को 15 हजार न्यूनतम वेतन दिया जाए, हेल्पर के छुट्टी पर जाने या रिक्त स्थान होने पर अतिरिक्त हेल्पर का प्रावधान किया जाए, हेल्पर से वर्कर पदोन्नत करने के लिए कार्य अनुभव 10 वर्ष से कम करके 3 वर्ष किया जाए, वर्कर का खाली पद सीधा हेल्पर से भरा जाए न कि साक्षात्कार से तथा खाना बनाने के लिए सिलेंडर की सप्लाई विभाग सीधे रूप से करें, क्योंकि 30 पैसे लाभार्थी मिलने वाले पैसे से सिलेंडर नहीं भर सकता। इसके अलावा कुछ अन्य मांगे भी है, जिनका मांगपत्र सरकार को भेजा जा चुका है। यदि सरकार ने आंगनवाड़ी महिलाओं के आंदोलन को हल्के में लिया तो उसे कड़े आक्रोश का सामना करना पड़ सकता है।
धरने के दौरान जिला प्रधान बिमला राठी के अलावा राजबाला सूर्यनगर, निर्मला आजाद नगर, राजबाला जवाहर नगर, कृष्णा मिलगेट, राजबाला सहारण, मंतारी मिलगेट, पार्वती ऋषिनगर, गायत्री हांसी, संतरो नारनौंद, कमलेश बूरा बरवाला, ऊषा सलेमगढ़, शकुंतला हरिता, उमा डाया, अनिता शिव कालोनी, नीलम सातरोड, इशवंती बूरा व शशि बालसमंद सहित सैंकड़ों महिलाएं उपस्थित थी।

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