हिसार

आंगनवाड़ी महिलाओं ने छुड़ाए पुलिस व प्रशासन के पसीने

हिसार,
आंगनवाड़ी वर्करों व हेल्परों को सरकारी कर्मचारी का दर्जा दिलवाने सहित अन्य मांगों को लेकर हरियाणा संयुक्त कर्मचारी मंच एवं आंगनवाड़ी इंपलाइज फैडरेशन ऑफ इंडिया से संबंधित आंगनवाड़ी वर्कर एंड हेल्पर्स यूनियन ने अपने आंदोलन के 12वें दिन पुलिस व प्रशासन के जमकर पसीने छुड़वाए। शुक्रवार को हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय में राज्य के कृषि मंत्री ओमप्रकाश धनखड़ व सहकारिता मंत्री मनीष ग्रोवर के कार्यक्रम को देखते हुए आंगनवाड़ी महिलाएं सुबह से ही हकृवि के 4 नंबर गेट पर जुटनी शुरू हो गई जो देखते ही देखते सैंकड़ों की संख्या में जुड़ गई। मंत्री की ओर से आंगनवाड़ी महिलाओं को बातचीत का न्यौता भी मिला लेकिन जिला कमेटी ने यह कहते हुए बातचीत करने से मना कर दिया कि एक तरफ तो उन्हें बातचीत का न्यौता दिया जा रहा है, दूसरी तरफ उनको हिरासत में लेने के लिए भारी संख्या में पुलिस बल व बसें यहां तैनात की हुई है। ऐसी दोगली नीति अपनाने वाले मंत्री व प्रशासन को यदि बातचीत करनी है तो धरनास्थल गेट पर आकर ही बातचीत करें।
बुधवार को किये गए चम्मच-थाली प्रदर्शन के बाद हरियाणा संयुक्त कर्मचारी मंच एवं आंगनवाड़ी इंपलाइज फैडरेशन ऑफ इंडिया से संबंधित आंगनवाड़ी वर्कर एंड हेल्पर्स यूनियन के आंदोलन में आंगनवाड़ी महिलाओं की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है। शुक्रवार को राज्य महासचिव जगमति मलिक एवं जिला प्रधान बिमला राठी के नेतृत्व में आंगनवाड़ी वर्करों व हेल्परों ने आंदोलन के 12वें दिन हकृवि के चार नंबर गेट पर पहुंचकर सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की और सरकार पर हर वर्ग की उपेक्षा करने का आरोप लगाया। उन्होंने ऐलान किया कि जब तक मांगों व समस्याओं का समाधान नहीं होगा, तब तक आंगनवाड़ी वर्कर एंड हेल्पर यूनियन चुप नहीं बैठेगी और आंदोलन जारी रहेगा।

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जिला प्रधान बिमला राठी ने मांगों का जिक्र करते हुए बताया कि आंगनवाड़ी वर्करों व हेल्परों को सरकारी कर्मचारी का दर्जा दिया जाए, अन्य कर्मचारियों की तरह 6 से 8 घंटे की ड्यूटी को देखते हुए योग्यता व ड्यूटी टाइम के हिसाब से उन्हें जेबीटी अध्यापक का ग्रेड दिया जाए, जिस तरह अन्य विभागों में 25 प्रतिशत प्रमोशन का कोटा है, उसी तरह उनको भी वरिष्ठता व योग्यता के अनुसार सीधे सुपरवाइज की पदोन्नति दी जाए, मोबाइल फोन की सुविधा दी जाए, वर्कर को 18 हजार हेल्पर को 15 हजार न्यूनतम वेतन दिया जाए, हेल्पर के छुट्टी पर जाने या रिक्त स्थान होने पर अतिरिक्त हेल्पर का प्रावधान किया जाए, हेल्पर से वर्कर पदोन्नत करने के लिए कार्य अनुभव 10 वर्ष से कम करके 3 वर्ष किया जाए, वर्कर का खाली पद सीधा हेल्पर से भरा जाए न कि साक्षात्कार से तथा खाना बनाने के लिए सिलेंडर की सप्लाई विभाग सीधे रूप से करें, क्योंकि 30 पैसे लाभार्थी मिलने वाले पैसे से सिलेंडर नहीं भर सकता। इसके अलावा कुछ अन्य मांगे भी है, जिनका मांगपत्र सरकार को भेजा जा चुका है। यदि सरकार ने आंगनवाड़ी महिलाओं के आंदोलन को हल्के में लिया तो उसे कड़े आक्रोश का सामना करना पड़ सकता है।
धरने के दौरान जिला प्रधान बिमला राठी के अलावा राजबाला सूर्यनगर, निर्मला आजाद नगर, बिमला कुंडू, राजबाला जवाहर नगर, कृष्णा मिलगेट, राजबाला सहारण, मंतारी मिलगेट, पार्वती ऋषिनगर, गायत्री हांसी, संतरो नारनौंद, कमलेश बूरा बरवाला, ऊषा सलेमगढ़, शकुंतला हरिता, उमा डाया, अनिता शिव कालोनी, नीलम सातरोड, इशवंती बूरा व शशि बालसमंद सहित सैंकड़ों महिलाएं उपस्थित थी।
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