हिसार,
हरियाणा संयुक्त कर्मचारी मंच एवं आंगनवाड़ी इंपलाइज फैडरेशन ऑफ इंडिया से संबंधित आंगनवाड़ी वर्कर एंड हेल्पर्स यूनियन ने अपनी मांगों के हल के लिए तथा सरकार पर संवादहीनता का आरोप लगाते हुए गिरफ्तारियां दी। आंगनवाड़ी महिलाओं के जोश व उत्साह को देखते हुए पुलिस व रोडवेज के वाहन भी कम पड़ गये। आंगनवाड़ी महिलाओं को हिरासत में लेकर 16 वाहनों में विभिन्न पुलिस थानों में ले जाया गया लेकिन फिर भी सैंकड़ों महिलाएं धरनास्थल पर डटी रही। आंगनवाड़ी महिलाओं द्वारा गिरफ्तारी देने के ऐलान के चलते सुबह से ही धरनास्थल पर पुलिस व प्रशासनिक अधिकारी तैनात थे। लगभग एक बजे पुलिस ने इन महिलाओं को हिरासत में लेना शुरू किया। पुलिस व प्रशासन की तरफ से 16 बसों का प्रबंध किया गया, लेकिन ये प्रबंध कम पड़ गये। गिरफ्तारी के दौरान व वाहनों में बैठाए जाने के बाद भी आंगनवाड़ी महिलाओं का उत्साह कम नहीं हुआ और उन्होंने जमकर नारेबाजी की। इस दौरान राज्य महासचिव जगमति मलिक व जिला प्रधान बिमला राठी सहित सैंकड़ों महिलाओं को हिरासत में लिया गया।
इससे पहले धरनास्थल पर आंगनवाड़ी महिलाओं को संबोधित करते हुए यूनियन की प्रदेश महासचिव जगमति मलिक व जिला प्रधान बिमला राठी ने सरकार को चेतावनी दी है कि यदि उसने संवादहीनता छोड़कर आंगनवाड़ी महिलाओं से बातचीत नहीं की तो भविष्य में और कड़ा संघर्ष किया जाएगा। उन्होंने कहा कि आंदोलन के 13 दिन होने के बाद भी सरकार ने बातचीत की जरूरत नहीं समझी है जो सरकार के घमंड व गैर जिम्मेदाराना व्यवहार का प्रतीक है। उन्होंने अनिश्ििचतकालीन धरने पर बैठी आंगनवाड़ी महिलाओं को संबोधित करते हुए उनसे एकजुट रहने व अधिक से अधिक संख्या में आंदोलन में डटे रहने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि प्रदेश के हर वर्ग को परेशान करना मौजूदा सरकार ने नियम बना लिया है। पिछले 12-13 दिनों से आंगनवाड़ी महिलाएं आंदोलनरत है और कामकाज ठप है लेकिन सरकार के कानों पर जूं नहीं रेंग रही है, जिससे सिद्ध होता है कि सरकार को नौनिहालों के भविष्य की कोई चिंता नहीं है। उन्होंने कहा कि जिस भी सरकार ने आंगनवाड़ी महिलाओं को दबाने का प्रयास किया है, उसका हश्र बुरा हुआ है और मौजूदा सरकार भी पूर्व सरकारों के कदमों पर चल रही है।
धरने के दौरान राज्य महासचिव जगमति मलिक व जिला प्रधान बिमला राठी के अलावा सरोज, सुदेश, नरेश, विद्या, कांता, कौशल्या, भागवंती, अमरपति, गीता, नीलम, संतोष, राजवंती, गायत्री, राजबाला, मूर्ति, सरला, ऊषा सहित सैंकड़ों महिलाएं उपस्थित थी। सभी ने सरकार के खिलाफ जोरदार नारेबाजी की और अपना आक्रोष जाहिर किया।