हिसार,
अखिल भारतीय जाट आरक्षण संघर्ष समिति के हवासिंह सांगवान गुट की तरफ सोमवार को रामायण रेलवे ट्रैक के पास धरना शुरु किये जाने से पहले ही पुलिस प्रशासन ने मोर्चा संभाल लिया। पुलिस प्रशासन ने धरने की जगह पर खेत में पानी भर दिया तो वहीं धरने पर पहुंचने वाले लोगों को वापस जाने के लिए कहा। मगर जाट समुदाय के लोग सड़क पर दरी बिछाकर बैठ गए। इसके बाद एसडीएम राजीव अहलावत खुद मौके पर पहुंचे और कहा कि बिना स्वीकृति धरना देने की अनुमति नहीं दी जाएगी। इसलिए सभी अपने घरों को लौट जाओ। मगर संघर्ष समिति के लोगों ने इस बात को नहीं माना, ऐसे में भारी पुलिस बल को बुलाया गया और फिर से समझाने का प्रयास किया गया। ऐसे में काफी देर तक तनाव का माहौल बना रहा।
मगर धरने को शुरु होने से पहले ही रोक दिया गया। इस दौरान रेलवे ट्रैक पर भारी पुलिस बल तैनात रहा और चप्पे चप्पे पर कड़ी नजर रखी। पुलिस द्वारा धरना रोके जाने से सांगवान गुट बेहद रोषित नजर आया, इसे लेकर एक बैठक भी की गई जिसमें हवासिंह सांगवान की ओर से आगामी रणनीति तय करने की बात कही गई। हवासिंह सांगवान ने सरकार को चेतावनी देते हुए कहा कि आने वाले समय में इसके गंभीर परिणाम सरकार को भुगतने पड़ेगे।
सांगवान गुट की तरफ से जाट आरक्षण को लागू करने के साथ जेल में बंद युवाओं को छोड़ने व केस खत्म करने की मांग की जा रही है। जाटों के धरने प्रदर्शन को देखते हुए पुलिस प्रशासन की तरफ से पुख्ता इंतजाम किए थे।बता दें कि संघर्ष समिति की तरफ से पिछले दिनों भगाना गांव में पंचायत कर धरना देने का एलान किया गया था। इसको लेकर पिछले दिनों तक तीन जगह का चयन किया गया लेकिन अब रामायण रेलवे ट्रैक के साथ धरना देने का निर्णय लिया गया। मगर सोमवार को पुलिस ने यहां पानी भरवा दिया। जिला अध्यक्ष दलजीत पंघाल ने कहा कि धरना शांतिपूर्ण ढंग से किया जाना था, इसे किसी साजिश के तहत ही रुकवाया गया है।