हिसार

पानी वाले किसान धरने से उठे, स्वामीनाथन की रिपोर्ट लागू करवाने के लिए दूसरे किसान बैठे

हिसार,
दो हफ्ते नहरी पानी की मांग को लेकर हरियाणा राजस्थान बार्डर के साथ लगते 196 गांवों के किसानों का धरना बुधवार की शाम खत्म हो गया। इससे पहले सुबह किसान नेता कुरड़ाराम नंबरदार धरने पर पहुंचे और किसानों के सामने सरकार द्वारा मांगों पर दिए गए प्रपोजल को रखा।
किसानों ने भी इस बात पर सहमति जताई। कुरड़ाराम नंबरदार ने बताया कि हिसार संयुक्त जल संघर्ष कमेटी की मीटिंग 2 घण्टे तक सीएम के साथ चली। सरकार ने किसानों की माग पूर्ति के लिये 6 माह का समय मांगा है।
इस समयावधि में बरवाला ब्राच की क्षमता बढ़ाने का बकाया काम पूरा कर दिया जाएगा व राजस्थान से मामला सुलझाकर हेड की मरम्मत का काम कर दिया जाएगा,मरम्मत व क्षमता बढ़ाने का काम पूरा होने के बाद हिसार,भिवानी के किसानों को उनके हक का पानी मिलना शुरू हो जाएगा।
इस प्रपोजल को मानते हुए अब किसानों ने आगामी छह महीने के लिए आंदोलन स्थगित कर दिया है। वहीं पांच मार्च को किया जाना वाला जेल भरो आंदोलन भी टाल दिया गया है।
गौरतलब है कि पिछले 45 दिनों से हिसार लघु सचिवालय में दो हफ्ते नहरी पानी की मांग को लेकर किसानों का धरना चल रहा था।
वहीं लाल झंड़े के साथ कामरेड सुरेश दूसरे किसानों के साथ धरने पर आ बैठे। उन्होंने कहा कि सरकार ने स्वामीनाथन की रिपोर्ट लागू करने का वायदा करके किसानों के वोट लिए थे। ऐसे में सरकार अपना वायदा पूरा करे। इसी मांग को लेकर वे बुधवार से लघुसचिवालय के आगे धरने पर बैठ गए।

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