हिसार

प्रकाश सिंह बादल को पगड़ी पहनाने वाले SYL का पानी लाने का कर रहे है ड्रामा—रेणुका

आदमपुर (अग्रवाल)
हरियाणा के किसानों का पानी रोकने वाले प्रकाश सिंह बादल को राज्य में बुलाकर उन्हें पगड़ी पहनाने वाले, राज्य में 7 विधानसभा चुनाव बादल के साथ गठबंधन करके लडऩे वाले, राजीव लौंगोवाल समझौते का विरोध करके पेड़ों को काटकर हाइवे जाम करके तथा अपने 6 साल के शासनकाल मेें एक बार भी एसवाईएल के लिए प्रयास न करने वाले आज अपनी राजनीतिक रोंटियां सेंकने के लिए फिर से एसवाईएल के नाम पर ड्रामा कर रहे हैं, परंतु इनेलो यह अच्छी तरह से समझ ले कि हरियाणा के जागरूक किसान भली-भांति जानते हैं कि एसवाईएल की राह में अगर किसी ने सबसे ज्यादा रोड़े अटकाए तो चौटाला परिवार ने अन्यथा चौ. भजनलाल के प्रयासों से बहुत पहले ही एसवाईएल का पानी राज्य के किसानों को मिल गया होता।

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यह बात विधायक रेनुका बिश्नोई ने बुधवार को आदमपुर, नलवा एवं हांसी में कई कार्यक्रमों के दौरान लोगों से बातचीत करते हुए कही। विधायक ने कहा कि स्व. चौ. भजनलाल ने 9 अपै्रल 1982 को तत्कालीन प्रधानमंत्री स्व. इंदिरा गांधी से कपूरी गांव में कस्सी चलवाकर एसवाईएल की खुदाई का निर्माण कार्य शुरू करवाया तथा बाद में अदालतों में दमदार ढंग से हरियाणा के हितों की पैरवी की। उन्हीं की राह पर चलते हुए कुलदीप बिश्नोई ने संसद, विधानसभा से लेकर हर मंच पर एसवाईएल के लिए आवाज बुलंद की और हरियाणा के किसानों को उनका हक दिलाने के लिए उन्होंने 5 मार्च 2010 को चंडीगढ़ में अपने सीने पर पुलिस की लाठियां तक भी खाई थी।

विधायक ने कहा कि प्रदेश की भाजपा सरकार ने भी इनेलो की राह पर चलते हुए एसवाईएल जैसे अहम मुद्दे को ठंडे बस्ते में डाल दिया। पिछले करीब दो दशक से अधर में लटकी इस योजना पर कर्मचारियों को वेतन और अन्य खर्चों के नाम पर करोड़ों रुपए व्यय हो रहे हैं। पांच साल पहले तक एसवाईएल में काम करने वाले रेगुलर और वर्कचार्ज कर्मचारियों का सालाना खर्च 25 करोड़ रुपए से बढ़कर अब 34 करोड़ रुपए हो गया है। आधिकारिक सूत्रों के मुताबिक एसवाईएल के तहत आने वाले करीब एक दर्जन विभिन्न मंडलों में 1,088 कर्मचारी और अधिकारी कार्यरत हैं। इसमें वर्कचार्ज भी शामिल हैं। इनमें एक मुख्य इंजीनियर, 5 एसई, 19 एक्सीईन, 19 पीए व अन्य, 11 डिविजनल हैड ड्राफ्टमैन, 6 सहायक ड्राफ्टसमैन और 87 ड्राफ्ट्समैन, एक फील्ड कर्मचारी शामिल हैं। अनुमान है कि इस समय योजना की कुल लागत से ज्यादा वेतन आदि पर खर्च हो चुका है। इसलिए प्रदेश एवं केन्द्र सरकार को चाहिए कि जल्द से जल्द एसवाईएल का निर्माण करवाकर हरियाणा के हक का पानी दिलवाए। विधायक ने इनेलो को सलाह दी कि इस संवेदनशील मुद्दे पर ड्रामेबाजी करने की बजाय ईमानदारी से प्रयास करे।

विधायक ने कहा कि आज किसी भी सरकारी विभाग में आम आदमी की कोई सुनवाई नहीं है। सरकारी विभागों में भ्रष्टाचार पहले से और बढ़ा है। भजनलाल के शासनकाल में सरकार एवं अधिकारी वर्ग का बेहतर तालमेल होता था, जिस वजह से सरकार की जनकल्याणकारी योजनाएं समय पर न केवल शुरू होती थी, बल्कि उनको समय पर अमलीजामा भी पहनाया जाता था। चौ. भजनलाल ने अधिकारी वर्ग के साथ बेहतर समन्वय स्थापित करके राज्य को चहुंमुखी विकास की ओर अग्रसर किया और उनके शासनकाल में शुरू की गई योजनाएं आगे चलकर मील का पत्थर साबित हुई। चौ. भजनलाल के शसनकाल में हर वर्ग एवं 36 बिरादरी के काम होते थे।

गांवो-गांवों में उन्होंने रजबाहों, डिग्गियों, स्कूलों, अस्पतालों, धर्मशालाओं का जाल बिछाकर राज्य के विकास में चार चांद लगाए थे। यही कारण है कि आज भी प्रदेश की जनता चौ. भजनलाल के स्वर्णिम शासनकाल को याद करती है। हरियाणा में चौ. भजनलाल की विचारधार से जुड़े तमाम लोग आज कांग्रेस से जुड़ रहे हैं और निश्चित तौर पर 2019 में कांग्रेस 2005 वाली ऐतिहासिक सफलता को दोहराते हुए चौ. भजनलाल के नेतृत्व में आई 67 सीटों का रिकार्ड तोड़ेगी। इस दौरान रणधीर सिंह पनिहार, जयवीर गिल, राजेश काबरेल, सुरेश मात्रश्याम, सुधीर काकड़, सुनील गोदारा, गोविंद मूंदड़ा आदि उपस्थित थे।

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