आदमपुर (अग्रवाल)
ग्राम पंचायतों द्वारा पहले बिना प्लानिंग के ही विकास कार्य करवाए जाते थे। गांव के विकास के लिए किसी तरह की कोई प्लानिंग नहीं होती थी। केवल ग्राम सभा में ही गांव के विकास कार्यों पर चर्चा की जाती थी। पंचायत के पास विकास कार्यों की प्लानिंग नहीं होने के कारण कई बार सबसे जरूरी कार्य नहीं हो पाते थे। इस समस्या को दूर करने तथा गांवों का विकास करवाने के लिए केंद्र सरकार द्वारा गत वर्ष मई माह में ग्राम पंचायत विकास योजना (जी.पी.डी.पी.) शुरू की गई। यह बात आदमपुर खंड कार्यालय में ग्राम पंचायत विकास योजना (जी.पी.डी.पी.) के तहत चल रहे 2 दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम के समापन पर प्रशिक्षक बलवान सिंह और जसविंद्र सिंह ने कही।
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नीलोखेड़ी के प्रशिक्षक बलवान सिंह और जसविंद्र सिंह ने कहा कि ग्राम पंचायत द्वारा जी.पी.डी.पी. के तहत गांव में 1 वर्ष में होने वाले विकास कार्यों की रूपरेखा तैयार की जानी है। जी.पी.डी.पी. में तैयार की गई प्लानिंग के आधार पर गांव में जो सबसे जरूरी कार्य होते हैं यानी ग्रामीण खुद तय करेंगे कैसे हो गांव का विकास। इनके अलावा वित्तिय साक्षरता सलाहकार रमेश चंद्र सेठी, बी.एल.ई.ओ. ओमप्रकाश भादू, बी.आर.सी. दलीप सिंह जांगड़ा और ए.डी.ओ. अरुण कुमार ने भी अपने-अपने विभाग की विभिन्न योजनाओं के बारे में बताया और समापन पर किट व प्रमाण पत्र दिए गए।
दूसरे चरण के तहत अंतिम दिन ग्राम पंचायत काबरेल, बगला, लाडवी, घुड़साल, तेलनवाली, चौधरीवाली, आदमपुर, मंडी आदमपुर, सीसवाल, ढाणी सीसवाल के पंच-सरपंचों को प्रशिक्षण दिया गया। इस मौके पर सरपंच अंतर सिंह आदमपुर, धर्म सिंह काबरेल, धोलूराम लाडवी, घीसाराम सीसवाल, जगदीश सैनी ढाणी सीसवाल, रितू घुड़साल, नरषोत्तम मेजर, भजनलाल पटवारी, ओमप्रकाश भादू, दलीप बैनीवाल, ओमविष्णु बैनीवाल, बलबीर सिंह, महावीर, बुधराम, प्रहलाद सिंह, रामकुमार, ग्राम सचिव सुरेश कुमार, शीशपाल, राकेश कुमार, पंच पवन बंसल, अमित कुमार, अनिल बंसल, हरीश बंसल, कृष्ण, सीताराम, जोरा सिंह, अशोक कुमार आदि मौजूद रहे।