हिसार

सरपंच ने भोडिय़ा बिश्नोइयान में जगाई अलख, सार्थक निकले परिणाम

आदमपुर
कौन कहता है कि अकेला आदमी कुछ नहीं कर सकता। गांव भोडिय़ा बिश्नोईयान के सरपंच सुभाष टाडा ने अकेले एक ऐसा काम कर दिखाया जोकि समाज के लिए एक नई दिशा साबित हो रहा है। असल में, गांव मंं बेटियों की संख्या मेंं कमी के चलते सरपंच सुभाष टाडा ने एक साल पहले निर्णय लिया था कि वे गांव मेंं पैदा होने वाली प्रत्येक​ बेटी के जन्म पर परिवार को 1,100 रुपये नकद और स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित करेंगे। साथ भ्रूण हत्या को रोकने के लिए उन्हें गांव में जागरूकता अभियान चलाया। समय—समय पर धार्मिक गुरु—महाराजों को बुलाकर ग्रामीणों में संदेश दिलवाया कि भ्रूण हत्या का पाप मानव हत्या के समान ही लगता है। इसका सार्थक परिणाम भी अब सामने आने लगे है। गांव में पिछले एक साल से बेटियों की संख्या में निरंतर बढ़ोत्तरी हो रही है। इसी कड़ी में विनोद नायक की पत्नी सुनीता के घर कन्या मुस्कान ने जन्म लिया। सरपंच की घोषणा के अनुरुप मंगलवार को गांव में परिवार को स्मृति चिन्ह व नकद राशि देकर सम्मानित किया गया। सरपंच ने कहा कि आज के समय में बेटा-बेटी एक समान है। बेटियां भी आज देश में अपना नाम रोशन कर रही है। इसलिए भ्रूण हत्या पर सख्ती से रोक लगाई जानी चाहिए। पंचायत द्वारा बेटियों को बराबर शिक्षा व सम्मान देने के लिए गांव में निरंतर जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है। जिसके तहत लोगों में जागरूकता आई है और बेटियों के जन्म पर खुशियां मनाई जा रही है।

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Jeewan Aadhar Editor Desk

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