फतेहाबाद

नशे की लत छोड़ मुख्यधारा में शामिल हो युवा : एसडीएम

फतेहाबाद (साहिल रुखाया)
नशा व्यक्ति के जीवन को धीरे-धीरे नष्ट कर देता है। नशा करने वाले व्यक्ति स्वयं तथा समाज को भी नुकसान पहुंचाता है। जिला में नशाखोरी को खत्म करने के लिए सभी वर्गों को आगे आना चाहिए। यह बात उपमंडलाधीश सतबीर सिंह जांगु ने सोमवार को बतौर मुख्य अतिथि स्थानीय एमएम कॉलेज के प्रांगण में भारतीय रैडक्रॉस सोसायटी व सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग हरियाणा के तत्वावधान में आयोजित नशा मुक्ति समारोह को संबोधित करते हुए कही। समारोह की अध्यक्षता कॉलेज के प्राचार्य डॉ. गुरबचन दास ने की। समारोह में रैडक्रॉस सचिव नरेश झाझड़ा, सहायक सचिव रामजी लाल, डॉ. गीतू, डॉ. कृष्ण कुमार, गौरव कुमार, डॉ. गुरविंद्र कौर, सूरजीत बाजिया, डॉ. सुरेन्द्र पाल, रेनु कम्बोज, राजेश कुमार, राजबीर सिंह, पवन कुमार सहित कॉलेज के प्राध्यापक व अन्य विशेषज्ञों ने नशा से होने वाले नुकसान और नशाखोरी सामाजिक बुराई से निजात दिलाने बारे विस्तार से जानकारी दी।

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अपने संबोधन में उपमंडलाधीश सतबीर सिंह जांगु ने कहा कि किसी भी प्रकार का नशा जैसे तम्बाकू, शराब, धूम्रपान इत्यादि नशीली वस्तुएं जीवन के लिए खतरनाक और जानलेवा है। नशे से लाखों लोग कई गंभीर बीमारियों का शिकार हो जाते हैं और समय से पहले ही बीमारियों का शिकार होने के साथ-साथ मौत के मुंह में चले जाते हैं। इसके बावजूद लाखों लोग यहां तक की किशोर भी तंबाकू खाने व अन्य नशे के आदी हैं। आज नशा न सिर्फ किशोरों के दिमाग को प्रभावित कर रहा है, बल्कि नई पीढ़ी को खासा नुकसान पहुंचा रहा है। उन्होंने कहा कि पूरी दुनिया में नशा के खिलाफ अभियान चलाये जा रहे हैं और लोगों को इसके प्रति सचेत किया जा रहा है। उन्होंने छात्र-छात्राओं से अपील की है कि वे अपने बेहतर स्वास्थ्य और परिवार के सदस्यों की भलाई के लिए कभी भी नशा न करें। श्री जांगु ने कहा कि नशा की रोकथाम के लिए सरकार द्वारा धूम्रपान निषेध कानून बनाया गया है जिसमें सार्वजनिक जगहों पर धूम्रपान करने वालों के खिलाफ दंड का प्रावधान है। उन्होंने कहा कि फैक्ट्री संचालकों व मालिकों को भी इस बारे आवश्यक दिशा निर्देश दिए गए है कि वे अपने यहां काम करने वाले लोगों को धूम्रपान न करने बारे जागरूक करें। उन्होंने कहा कि सार्वजनिक जगहों पर धूम्रपान करने पर किसी भी राजपत्रित अधिकारी द्वारा उनका चालान किया जा सकता है।

एसडीएम ने बताया कि धूम्रपान के सेवन से कई दुष्परिणामों को झेलना पड़ सकता है। धूम्रपान करने से आपके स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है, साथ ही आपके साथ बैठे व्यक्ति भी धूम्रपान से होने वाली बीमारियों से ग्रस्त हो जाते हैं। उन्होंने कहा कि आप स्वयं भी धूम्रपान न करें और साथ ही अपने साथियों व रिश्तेदारों को धूम्रपान न करने की सलाह दें। उन्होंने बताया कि विश्व स्वास्थ्य संगठन के मुताबिक निकोटीन से हर साल 54 लाख मौतें होती है। जिस व्यक्ति को एक बार नशे की लत लग जाती है, तो उसे छुड़ाना बड़ा मुश्किल कार्य है, परन्तु उसे नशा से होने वाले नुकसान व समाज पर पडऩे वाले विपरित प्रभावों के बारे में जागरूक किया जाए तो उस व्यक्ति के लिए नशा छोडऩा कोई मुश्किल काम नहीं है। उन्होंने कहा कि नशा करना व करवाना सामाजिक बुराई के साथ-साथ कानूनी अपराध भी है। उन्होंने कहा कि नशा आदि सामाजिक बुराई को शुरू से ही न पनपने दे।
अधिनियमों की उल्लंघना पर रखा गया है सजा, जुर्माना अथवा दोनों का प्रावधान:
सिगरेट एवं अन्य तंबाकू उत्पाद अधिनियम 2003 की धारा-4 के तहत सार्वजनिक स्थानों पर सिगरेट, बीड़ी या किसी अन्य ढंग से धूम्रपान पर प्रतिबंध, अपनी सीमा के भीतर सार्वजनिक स्थान के स्वामी, प्रबंधक अथवा प्रभारी आदि धूम्रपान होने देना, सार्वजनिक स्थान पर सही आकार व संख्या में अधिनियम अनुसार धूम्रपान मुक्त क्षेत्र के चेतावनी बोर्ड न लगाना, मुख्य द्वार पर लगे चेतावनी बोर्ड पर नोडल अफसर का नाम व फोन नंबर न लिखना होना तथा सार्वजनिक स्थान पर ऐश ट्रे्र, लाईटर, माचिस इत्यादि धूम्रपान के प्रमाण पा जाने पर प्रति उल्लंघना 200 रुपये तक जुर्माना करने का प्रावधान किया गया है। धारा 5 के तहत तंबाकू उत्पादों पर प्रत्यक्ष अथवा अप्रत्यक्ष ढंग से बोर्ड, टीवी, पैंफलेट, स्टीकर होर्डिंग इत्यादि द्वारा विज्ञापन करना, तंबाकू उत्पादों का प्रचार करना तथा तंबाकू कम्पनियों से प्रायोजन लेना की उल्लंघना करने पर प्रथम उल्लंघना के तहत 2 वर्ष कारावास अथवा 1000 रुपये तक जुर्माना या दोनों तथा द्वितीय उल्लंघना करने पर 5 वर्ष कारावास अथवा 5 हजार रुपये तक जुर्माना या दोनों का प्रावधान किया गया है। धारा 6-ए के तहत नाबालिग के तंबाकू उत्पाद बेचना तथा उससे बिकवाना, तंबाकू उत्पाद बेचने वाले स्थान पर अधिनियम अनुसार बोर्ड न लगाना तथा तंबाकू उत्पादों को सजा कर रखना व बच्चों की पहुंच में होना के कारण प्रति उल्लंघना 200 रुपये तक जुर्माने का प्रावधान है। तंबाकू कंट्रोल संबंधी ड्रग्स एंड कासमैटिकस अधिनियम 1940, किशोर न्याय अधिनियम 2015, खाद्य सुरक्षा एवं मानक अधिनियम 2006, विष अधिनियम 1919, मोटर वाहन अधिनियम तथा नाप-तोल अधिनियम 2009 की उल्लंघना करने पर विभिन्न प्रकार के जुर्माने तथा कारावास अथवा दोनों का प्रावधान रखा गया है।

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