हिसार,
परिवहन मंत्री एवं अन्य उच्चाधिकारियों के साथ हुई बातचीत में सहमत हुई मांगे लागू न किये जाने के विरोध में रोडवेज कर्मचारी 27 मार्च को सुबह 9 से 11 बजे तक विरोध प्रदर्शन करके रोष जताएंगे। इसके साथ ही हरियाणा रोडवेज ज्वाइंट एक्शन कमेटी ने रोडवेज कर्मचारियों के लिए बनाई जा रही नई तबादला नीति व ओवरटाइम पॉलिसी के नाम पर कर्मचारियों का ओवरटाइम काटे जाने पर कड़ा विरोध जताया है और चेतावनी दी है कि इनको किसी कीमत पर सहन नहीं किया जाएगा।
ज्वाइंट एक्शन कमेटी के वरिष्ठ सदस्य दलबीर किरमारा एवं रमेश सैनी ने बताया कि गत वर्ष 27 दिसम्बर को परिवहन मंत्री व उच्चाधिकारियों की मौजूदगी में हुई बातचीत में सहमत हुई मांगों में से एक भी मांग को अभी तक लागू नहीं किया गया है। ऊपर से अध्यापकों की तर्ज पर नई तबादला नीति लाकर रोडवेज कर्मचारियों को फिर से प्रताडि़त करने की योजना बनाई जा रही है। उन्होंने चेतावनी दी कि इस तबादला नीति को सहन नहीं किया जाएगा और कर्मचारी इसका पुरजोर विरोध करेंगे। इसके साथ ही पॉलिसी का बहाना बनाकर रोडवेज कर्मचारियों का ओवरटाइम काटा जा रहा है, जो पूरी तरह से गलत है। यदि इस कार्रवाई को नहीं रोका गया तो इसके खिलाफ भी आंदोलन शुरू कर दिया जाएगा, जिसकी जिम्मेवारी अधिकारियों की होगी। उन्होंने कहा कि मंत्री व उच्चाधिकारी सहमत हुई मांगों को लागू करने की बजाय हर माह एक या दो कर्मचारी विरोधी नीतियां और बना देते हैं और कर्मचारियों को आंदोलन के लिए विवश करते हैं।
दलबीर किरमारा एवं रमेश सैनी ने कहा कि मंत्री व उच्चाधिकारियों के साथ हुई बातचीत में सहमत हुई मांगों में मुख्य रूप से वर्ष 1992 से 2002 तक लगे कर्मचारियों को नियुक्ति तिथि से पक्का करने, प्राइवेट परिवहन पॉलिसी रद्द करने, सभी पात्र कर्मचारियों को तकनीकी स्केल देने, सभी कर्मचारियों को एसीपी का लाभ देने, बसों का बेड़ा बढ़ाने, ओवरटाइम पॉलिसी बनाने तथा समान काम-समान वेतन के अनुसार कच्चे कर्मचारियों को 27 हजार 500 रुपए वेतन देने सहित अन्य मांगे मानी गई थी, लेकिन एक भी मांग को लागू नहीं किया गया, जिससे कर्मचारियों में रोष है। उन्होंने कहा कि 27 मार्च को सुबह 9 से 11 बजे तक प्रदेशभर के डिपुओं में होने वाले प्रदर्शन के बाद यदि सरकार एवं विभाग के उच्चाधिकारी नहीं चेते तो बड़े आंदोलन की रूपरेखा बनाई जाएगी, जिसकी जिम्मेवारी उच्चाधिकारियों की होगी।