हिसार

रक्तदान के बारे में विद्यार्थियोंं को किया जागरूक

आदमपुर (अग्रवाल)
खून वह सजीव द्रव्य है जिस पर सारा जीवन टिका होता है। इसका 60 फीसदी द्रव्य और 40 फीसदी ठोस होता है। द्रव्य को प्लाज्मा कहते हैं जिसमें 90 फीसदी पानी और 10 फीसदी पोषक तत्व, हार्मोन इत्यादि होते हैं। खून का ठोस हिस्सा, जिसमें आर.बी.सी.ए., डब्ल्यू.बी.सी. और प्लैटेलेट होते हैं, उसे दोबारा बनने में 3 महीने का वक्त लगता है। यह बात राजकीय बहुुतकनीकी संस्थान के फार्मेसी विभाग के प्राध्यापक राकेश शर्मा ने बुधवार 28 मार्च को लगाए जाने वाले रक्तदान शिविर के तहत जागरूकता अभियान के दौरान आदमपुर के श्रीकृष्ण प्रणामी सीनियर सैकेंडरी स्कूल व आई.टी.आई. में कही। शर्मा ने अनेक शिक्षण संस्थानों में छात्रों को रक्तदान का महत्व बताया।
उन्होंने कहा कि खून पैदा नहीं किया जा सकता, सिर्फ उसका दान ही संभव है जो एक मानव ही दूसरे मानव के लिए करता है। उन्होंने कहा कि हरेक दूसरे सैकेंड में किसी न किसी को खून की आवश्यकता होती है और एक व्यक्ति द्वारा दान किया गया रक्त एक समय में एक से अधिक जिंदगियां बचाने में सहायता करता है। दुर्घटनाग्रस्त, थैलीसीमिया पीडि़त, अविकसित बच्चे, जटिल ऑपरेशन से गुजर रहे मरीजों को पूरे खून की आवश्यकता होती है, जहां जांच के बाद आपका खून प्रत्यक्ष तौर पर इस्तेमाल होता है। मानसिक आघात, रक्त की कमी और अन्य शल्य चिकित्सा के लिए मरीजों को केवल लाल रक्त कणिकाओं की आवश्यकता होती है जिन्हें रक्त से अलग करके इस्तेमाल किया जाता है। इस मौके पर डायरैक्टर गुलाब सिंह शर्मा, प्राचार्य उमेद बंसत अनेक स्टाफ सदस्य उपस्थित थे।


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