आदमपुर (अग्रवाल)
राजकीय बहुतकनीकी संस्थान में थैलीसीमिया, ब्लड कैंसर व हीमोफिलिया पीडि़तों के लिए बुधवार को एनएसएस के संयोजक प्राध्यापक राकेश शर्मा के निर्देशन में रक्तदान शिविर आयोजित किया गया। शिविर का शुभारंभ प्राचार्य डीके रावत ने किया जबकि अध्यक्षता फार्मेसी विभागाध्यक्ष जगमोहन सिंह ने की। इस दौरान रक्तदान के लिए शहर के लोगों का तांता लगा रहा। बाप—बेटे, मां—बेटी और पति—पत्नी की अनेक जोड़ी ने रक्तदान करके शिविर को रक्तदान उत्सव में बदल दिया।
जीवन का शानदार अनुभव
रक्तदान शिविर का शुभारंभ करते हुए प्राचार्य डीके रावत ने कहा कि रक्तदान को लेकर ऐसा उत्साह उन्होंने पहले कभी नहीं देखा। आदमपुर के लोगों में रक्तदान को लेकर इस प्रकार की जागरुकता के लिए यहां के लोग बधाई के पात्र है। उन्होंने कि रक्तदान करना हजारों तीर्थों के समान है। लेकिन इस कैंप को देखकर अनुभव कर रहा हूं कि आदमपुर में रक्तदान की गंगोत्री है। ये जीवन का शानदार अनुभव है, इसे वे कभी भूलना नहीं चाहेंगे।
पहली बार का अहसास
मानिक कथूरिया, प्रियंका, रोशनी, काफी, सुगंधा, चुनौती, हर्षा रानी, सचिन, अशोक, विकास, दीपक, करण, पवन व अंकित ने जीवन का पहला रक्तदान किया। मानिक कथूरिया ने बताया उनका पूरा परिवार रक्तदान करता आया है। ऐसे में वह बालिग होने का इंतजार कर रहा था। एक महीने पहले ही उसने रक्तदान करने की उम्र को पाया है और आज रक्तदान करके वह स्वयं को धन्य महसूस कर रहा है। उन्होंने कहा कि वह प्रत्येक 3 माह में रक्तदान करना चाहता है।
प्रियंका और रोशनी ने बताया कि रक्तदान करने से पहले उनके मन में तरह—तरह के सवाल थे लेकिन रक्तदान करने के बाद उन्हें काफी अच्छा लग रहा है। वे अब अपनी सहेलियों को भी रक्तदान के लिए उत्साहित करेगी।
काफी, सुगंधा और चुनौती ने कहा कि प्राध्यापक राकेश शर्मा ने उन्हें रक्तदान के प्रेरित किया। आज रक्तदान करके उन्हें अहसास हुआ कि सभी को रक्तदान अवश्य करना चाहिए। उन्होंने कहा कि पहले हम सोचते थे कि रक्तदान से कमजोरी आती है—लेकिन अब रक्तदान करने से पता चला कि यह केवल भ्रांति थी। रक्तदान करने से काफी खुशी महसूस होती है।
हर्षा रानी, सचिन, अशोक, विकास, दीपक, करण, पवन और अंकित ने बताया कि रक्तदान करने का उनका अनुभव काफी शानदार रहा है। रक्तदान को लेकर अब वे अपने परिवार को भी उत्साहित करेंगे। एक—एक यूनिट रक्त हजारों लोगों की जान बचा सकता है और इससे किसी भी प्रकार का शरीर ममें कोई नुकसान भी नहीं होता। इसलिए वे अब दूसरों को भी इसके लिए प्रेरित करेंगे।
मां—बेटी, बाप—बेटा और भाई—भाई
रक्तदान करने के लिए विद्या देवी और उनकी बेटी मीनू सुबह से ही कतार में लग गई थी। दोनों ने एक साथ रक्तदान किया। वहीं अशोक कथूरियां ने अपने बेटे मानिक कथूरिया को रक्तदान के लिए प्रेरित करते हुए दोनों ने एक साथ रक्तदान किया। मेन बाजार निवासी दो भाईयों शिवकुमार शर्मा और प्रवीण शर्मा ने एक साथ रक्तदान करके मिशाल पेश की। रामेश्वर करीर और उनकी धर्मपत्नी ने पांचवी बार एक साथ रक्तदान किया।
रक्तदान जीवन का लक्ष्य
रक्तदान शिविर के आयोजक व एनएसएस के संयोजक प्राध्यापक राकेश शर्मा ने कहा कि रक्तदान के लिए एक—एक जन को जागरुक करना ही उनके जीवन का लक्ष्य है। उन्होंने कहा कि देशभर में आज भी रक्त की कमी के कारण काफी जान चली जाती है। ऐसे में आज आवश्यकता है कि छोटे—छोटे रक्तदान कैंप का आयोजन करके अस्पतालों में पहुंचाया जाए। गर्मी की शुरुआत में और जून माह के आसपास रक्तदान शिविर का आयोजन अवश्य होना चाहिए। इस समय ब्लड बैंक में रक्त की कमी महसूस की जाती है। हमारी एक बूंद किसी को जीवन प्रदान कर सकती है—इसलिए सभी को रक्तदान अवश्य करना चाहिए। उन्होंने बताया कि आज के कैंप में 310 यूनिट रक्त एकत्रित हुआ है। उन्होंने बताया कि कैंप में अग्रोहा मैडीकल कालेज की टीम ने 133 यूनिट और मिशन जनजागृति दिल्ली की टीम ने 177 यूनिट रक्त एकत्रित किया। इसके अलावा 687 लोगों का रजिस्ट्रेशन किया गया है।
ये थे उपस्थित
इस अवसर पर प्रध्यपक बंसी लाल एस पी गर्ग ओ पी शर्मा बिजेंद्र कुंडू, शमशेर गर्ग, कपिल भोरिया वेदपाल यादव, महाबीर सेहरावत, डा.आरएन सिंह, कृष्णा भाटी, धर्मवीर जांगड़ा, डा. जयंत प्रकाश, सतपाल भांभू,कांता शर्मा, महेन्द्र बंसल, कृष्णदत्त धमीजा, हुकम चंद गोयल, अनिल बंसल, मुकेश भूटानी, महेंद्र भादू, पवन जैन, मलकीत सिंह, सुभाष बोस, नरषोतम मेजर, राकेश कालीराणा, अजय मित्तल, सुरजीत ज्याणी, कुलदीप गोयल सहित काफी संख्या में गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।
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