चंडीगढ़।
राज्य सरकार रोडवेज में काफी बड़ा बदलाव करने जा रही है। इसको लेकर सरकार में मंथन का दौर चल रहा है। वर्षों से रोडवेज को सूबे की किसी भी सरकार ने कोई बड़ी नीति नहीं बनाई। लेकिन भाजपा सरकार अब रोडवेज विभाग की कमियों पर पूरा ध्यान दे रही है। मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर परिवहन मंत्री कृष्ण लाल पंवार से इस बारे स्वयं बात कर चुके है। सीएम चाहते है कि रोडवेज विभाग को गलत नीतियों के कारण होने वाले घाटे को तुरंत समाप्त करने के लिए नीतियों में बदलाव किया जाए। साथ ही रोडवेज यूनियन द्वारा सुझाएं गए सभी विचारों पर गहन मंथन भी किया जाए। सीएम का कहना है कि घाटे के लिए अकेले कर्मचारी दोषी नहीं होते—कुछ सरकारी नीतियों को समय—समय पर बदलने की आवश्यकता होती है, लेकिन ऐसा न होने के कारण विभाग को आर्थिक चपत लगती है। रोडवेज घाटे के प्रमुख कारणों में खराब बसों की समय पर मरम्मत न होना भी है। सरकार इस पर काफी गंभीर है। परिवहन मंत्री का कहना है कि एक खराब बस विभाग को चौतरफा घाटा देती है। ऐसे में वर्कशॉप को लेकर वर्तमान नीतियों में बड़ा बदलाव जरुरी है। साथ ही प्रदेश में 33 प्रकार के पास रोडवेज में चल रहे है। इसमें भी सरकार बड़े बदलाव करेगी और नई पास नीति को लेकर आयेगी। रोडवेज के बेड़े में बसों की कमी को दूर करने के लिए जल्द ही नई बसें आयेगी। इसके साथ ही प्रदेश के बस स्टैंड के रखरखाव की नीतियों में भी बदलाव करने पर विचार हो रहा है। परिवहन मंत्री का कहना है कि भाजपा सरकार रोडवेज विभाग की सभी बिमार नीतियों में बदलाव करेगी, ताकि विभाग को हो रहे घाटे को तुरंत दूर किया जा सके।
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