फतेहाबाद (साहिल रुखाया)
जिस गांव में भी लिंगानुपात कम है, वहां पर जिला प्रशासन द्वारा रात्रि ठहराव किया जाएगा। लिंगानुपात में बढ़ोतरी बारे जनता को जागरूक किया जाएगा। इसके साथ-साथ आमजन मानस की समस्याओं का मौके पर निपटारा किया जाएगा। यह बात उपायुक्त डॉ हरदीप सिंह ने लघु सचिवालय स्थित बैठक कक्ष में महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ अभियान के तहत किशोरियों/सबला योजना के एक दिवसीय प्रशिक्षण शिविर को संबोधित करते हुए कही। इस मौके पर अतिरिक्त उपायुक्त डॉ जेके आभीर, पीओ आईसीडीएस उषा मुआल सहित जिला की सभी सुपरवाईजर व अन्य अधिकारी उपस्थित थे।
उपायुक्त ने कहा कि कन्या भ्रूण हत्या को जड़ से खत्म करना है, इसके लिए सभी का सहयोग अपेक्षित है। उन्होंने कहा कि महिला एवं बाल विकास विभाग के अधिकारी/कर्मचारी, सुपरवाईजर व आंगनवाड़ी वर्कर सहित अन्य विभागों के अधिकारी अभियान के तहत बेटियों को बचाने में लापरवाही या ढिलाही बरतते हैं तो उनके विरूद्ध सख्त कानूनी कार्यवाही अमल में लाई जाएगी। कन्या भ्रूण हत्या करने व करवाने वालों को किसी भी सूरत में बख्शा नहीं जाएगा। इस नेक कार्य में सहयोग करने वाले व सूचना देने वालों को नकद ईनाम के साथ-साथ प्रशंसा पत्र देकर सम्मानित किया जाएगा। उपायुक्त ने कहा कि महिलाओं के उत्थान के लिए अनेक जनकल्याणकारी योजनाएं लागू की है। इन योजनाओं का ज्यादा से ज्यादा लाभ उठाए। उन्होंने कहा कि आपकी बेटी हमारी बेटी योजना के तहत जिला में 2197 लाभार्थियों को 4 करोड़ 61 लाख 37 हजार रुपये की राशि बैंक खातों में जमा करवाई गई है। प्रधानमंत्री मातृत्व वंदना योजना के तहत जिला में अब तक 4127 लाभार्थियों को 56 लाख 25 हजार रुपये की राशि का लाभ दिया गया है।
डॉ. हरदीप सिंह ने कहा कि प्रधानमंत्री मातृत्व वंदना योजना के अंतर्गत सरकार द्वारा गर्भवती और स्तनपान कराने वाली महिलाओं को पहली जीवित जन्म के लिए 5 हजार रुपये की आर्थिक सहायता प्रदान की जाती है। योजना को मुख्य उद्दश्ेय काम करने वाली महिलाओं को मजदूरी के नुकसान की भरपाई करने के लिए मुआवजा देना और उनके आराम और पोषण को सुनिश्चित करना है। इसके अलावा गर्भवती महिलाओं और स्तनपान कराने वाली माताओं के स्वास्थ्य में सुधार रखना है। उन्होंने कहा कि योजना से गर्भवती महिलाओं व स्तनपान कराने वाली माताओ ंको जीवित बच्चे के जन्म के दौरान फायदा होगा। इसका लाभ डीबीटी के माध्यम से लाभार्थी के बैंक खाते में सीधे आर्थिक सहायता राशि दी जाती है। इसका भुगतान पहली किस्त के तहत 1000 रुपये गर्भावस्था के पंजीकरण के समय तथा दूसरी किश्त यदि लाभार्थी छह महिने की गर्भवास्था के बाद कम से कम एक प्रसवपूर्व जांच कर लेते हैं तो 2 हजार रुपये मिलते हैं। इसके अलावा तीसरी किश्त में जब बच्चे का जन्म पंजीकृत हो जाता है तो बच्चे को बीसीजी, ओपीवी, डीपीटी और हैपेटाईटिस-बी सहित पहले टीके का चक्र शुरू होता है, तो उसे 2 हजार रुपये दिए जाते हैं।
इस मौके पर अतिरिक्त उपायुक्त डॉ जेके आभीर ने कहा कि कन्या भ्रूण हत्या करना व करवाना सामाजिक बुराई के साथ-साथ एक अपराध भी है तथा बहुत बड़ा पाप है। इस बुराई को खत्म करने के लिए जिला प्रशासन महिला एवं बाल विकास विभाग के साथ 24 घंटे अपडेट रहकर पूर्णरूप से कार्य करेगा ताकि जिला के लिंगानुपात को सुधारा जा सके और इस नेक कार्य भागीदारी सुनिश्चित की जा सके। महिला एवं बाल विकास विभाग की जिला कार्यक्रम अधिकारी उषा मुआल ने उपायुक्त का स्वागत करते हुए आयोजित प्रशिक्षण के बारे में विस्तार से जानकारी दी। इसके अलावा जनहित में विभाग द्वारा चलाई जा रही जनकल्याणकारी योजनाओं व नीतियों के बारे में भी विस्तारपूर्वक जानकारी दी। उन्होंने उपायुक्त को आश्वासन दिया कि महिला एवं बाल विकास विभाग के अधिकारी व कर्मचारी गंभीरता से लिंगानुपात में सुधार के लिए अथक प्रयास करेंगे और इस सामाजिक बुराई को खत्म करने के लिए अपना सहयोग देंगे।
previous post