फतेहाबाद

परीक्षा एक पड़ाव, अनुकूल परिणाम न आने पर निराश न हो विद्यार्थी : डीसी

बोर्ड कक्षाओं के परिणाम में सुधार को लेकर जिला स्तरीय सीधा संवाद कार्यक्रम आयोजित

फतेहाबाद,(साहिल रूखाया)
शिक्षा का उद्देश्य मात्र परीक्षा पास करना नहीं है, परीक्षा तो केवल एक पड़ाव है इसलिए अनुकूल परिणाम ना आने पर हमें निराश नहीं होना चाहिए। जिंदगी बहुत बड़ी है इसलिए हमारे लक्ष्य भी बड़े होने चाहिए। उपायुक्त रवि प्रकाश गुप्ता की अध्यक्षता में स्थानीय सीनियर मॉडल स्कूल में बोर्ड की परीक्षाओं में परिणाम सुधार पर चर्चा को लेकर जिला स्तरीय सीधा संवाद कार्यक्रम का आयोजन किया गया। उपायुक्त ने शिक्षा विभाग के अधिकारियों व अध्यापकों को निर्देश दिए कि वे बच्चों को बेहतर शिक्षा उपलब्ध करवाना सुनिश्चित करे, क्योंकि यह उनका परम कत्र्तव्य है। उन्होंने आशा करते हुए कि यदि हम वर्तमान में करवाए जा रहे प्रयासों के साथ-साथ योजनाबद्ध तरीके से निर्धारित बिंदुओं पर कार्य करें, तो लक्ष्यों की प्राप्ति में अवश्य सहायता मिलेगी। उन्होंने कहा कि विद्यार्थियों को उनके लर्निंग लेवल के आधार पर समूह में बांटना एवं प्रत्येक विद्यार्थी का व्यक्तिगत शैक्षणिक कार्यक्रम बनाकर आगे बढऩा, दैनिक लक्ष्य बनाना और उसे प्राप्त करना जरूरी है। अपने विषय के लिए शत-प्रतिशत परीक्षा परिणाम प्राप्ति के लक्ष्य के लिए वचनबद्ध होना और विद्यार्थियों को मोटिवेट रखते हुए लक्ष्य प्राप्ति करनी होगी। उन्होंने कहा कि गत वर्षों के बोर्ड परीक्षा के प्रश्न पत्रों को हल करके विद्यार्थियों को उपलब्ध करवाना और विद्यार्थी प्रश्न पत्र हल करने का अभ्यास करें। उपायुक्त ने अध्यापकों को निर्देश दिए कि वे विद्यार्थियों को समय प्रबंधन और तनावमुक्त होकर परीक्षा देने का अभ्यास करवाना, समुचित गृह कार्य देना और जांचना करना, लर्निंग लेवल के अनुसार परीक्षा से संबंधित महत्वपूर्ण बिंदुओं, उप विषयों, विषयों पर ध्यान केंद्रित करना तथा अभ्यास करवाना, अतिरिक्त कक्षाओं का आयोजन, स्कूल आरंभ होने से पहले और स्कूल समाप्त होने के बाद व्यवस्था करना सुनिश्चित करे।
उपायुक्त ने कहा कि माता-पिता और अभिभावकों के सहयोग से संयुक्त रणनीति तैयार करें, ताकि विद्यार्थियों को घर पर समुचित वातावरण मिल सके। प्रत्येक विद्यार्थी परीक्षा केंद्र में आत्मविश्वास के साथ पहुंचे तथा अपनी योग्यता एवं पूर्ण क्षमता के साथ परीक्षा दें सके। उन्होंने कहा कि पिछले 2 वर्षों से सक्षम के माध्यम से जो शिक्षा के स्तर में सुधार हुआ है उसको देखते हुए प्रत्येक जिले को परिणाम क्षमता को बढ़ाने के लिए एक लक्ष्य निर्धारित किया गया है, जिसके तहत फतेहाबाद जिला को दसवीं की परीक्षा के लिए 70 प्रतिशत और 12वीं की परीक्षा के लिए 90 प्रतिशत परिणाम प्राप्त करवाने का लक्ष्य दिया गया है। उन्होंने कहा कि मैंने महसूस किया है कि फतेहाबाद जिला के लोग शिक्षा, खेल, मेहनत के मामले में पूरे प्रदेश में अग्रणी है। इसलिए मैं आश्वस्त हूं कि जिला फतेहाबाद निर्धारित समय में अपने लक्ष्य को प्राप्त कर लेगा। उन्होंने कहा है कि अगर किसी स्कूल को पंचायत किसी तरह का सहयोग देने से मना करती है तो वह शिक्षा विभाग के साथ-साथ जिला प्रशासन को भी अवगत करवाएं, क्योंकि पंचायतों को इस बारे में आवश्यक दिशा निर्देश पहले ही दिए जा चुके हैं। उन्होंने कार्यक्रम में उपस्थित सभी सभी अध्यापकों से आह्वान किया कि वे 10वीं और 12वीं कक्षा के छात्रों को शिक्षा के साथ-साथ भाषाई ज्ञान के बारे में इस तरह जागरूक करें ताकि दूसरे विषयों पर भी उनका प्रभाव ना पड़े। उन्होंने कहा कि सभी अध्यापक बच्चों में सकारात्मक ऊर्जा का संचार करें ताकि वह प्रसन्न होकर शिक्षा प्राप्त करें और सफलता प्राप्त करें। कार्यक्रम को जिला मौलिक शिक्षा अधिकारी देवेेन्द्र कुंडु ने भी संबोधित किया और कार्यक्रम में पहुंचने पर उपायुक्त का स्वागत किया। बैठक में डीएसई पंचकूला से भागीरथ पंवार, जिला मौलिक शिक्षा अधिकारी देवेंद्र सिंह, डाइट प्राचार्य संगीता बिश्नोई, उप जिला शिक्षा अधिकारी वेद सिंह दहिया, मुख्यमंत्री सुशासन सहयोगी सुश्री मोनिका हेमराजनी, एपीसी नरेश तेतरवाल, जिला सक्षम संयोजक अनुराग धारीवाल, सभी खंड शिक्षा अधिकारी व जिले के सभी सीनियर सैकेंडरी स्कूलों के मुखिया, एबीआरसी और बीआरपी उपस्थित रहे।

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