फतेहाबाद (साहिल रुखाया)
उपायुक्त डॉ. हरदीप सिहं ने पुलिस विभाग को चेन स्नेचिंग जैसे मामलों ने दोषियों के विरूद्ध कठोर कानून के तहत कार्यवाही करने के निर्देश जारी किए है। उन्होंने कहा कि हरियाणा देश का ऐसा पहला राज्य है, जहां चेन स्नेचिंग के मामले में विधान सभा में भारतीय दंड संहिता विधेयक पारित करवाकर राष्ट्रपति से इसे मंजूर करवाया था। चेन स्नेचिंग की घटनाओं को रोकने के लिए आईपीसी की धारा 379 में संशोधन कर धारा 379 ए और 379 बी के तहत चेन स्नेचिंग कठोर अपराध की श्रेणी में रखा गया है।
वर्तमान सरकार ने प्रदेश के सभी पुलिस अधीक्षकों को नए कानून के तहत निर्देश भी जारी किए है। राज्य सरकार द्वारा लागू किए गये कठोर कानून के तहत चेन स्नेचिंग गैर जमानती अपराध है, यदि ऐसे मामले में दोष साबित हो जाता है तो दोषी को 14 साल तक की कठोर कारावास की सजा हो सकती है। डॉ. हरदीप सिहं ने बताया कि स्नेचिंग के दौरान अगर कोई व्यक्ति चोरी के इरादे से किसी को डराता है या फिर उसे चोट पहुंचाकर स्नेचिंग करता है तो इस अपराध को धारा 379 बी के तहत दर्ज किया जाएगा, जिसमें दोष साबित होने पर आरोपी को कम से कम दस साल और अधिकतम चौदह साल की सजा हो सकती है।
इसके अतिरिक्त आरोपी पर कम से कम 25000 रूपये का जुर्माना किए जाने का भी प्रावधान है। इससे पूर्व चेन स्नेचिंग के मामलों में दोषियों को दो या तीन दिन में ही जमानत मिल जाती थी और तीन साल तक ही सजा का प्रावधान था। उपायुक्त डॉ हरदीप सिहं ने पुलिस विभाग को निर्देश जारी किए है कि चेन स्नेचिंग के मामलों में जांच कर रहे अधिकारी यह सुनिश्चित करें कि इस प्रकार के मामलों में संशोधित कानून के तहत दोषियों के विरूद्ध कडी कार्यवाही अमल में लाई जाए।