चंडीगढ़,
सरकार ने गेहूं की पेमेंट किसान के खाते में आॅनलाइन भेजने के फरमान को वापिस ले लिया है। सरकार ने अब साफ किया है कि गेहूं की पेमेंट पहले की तरह आढ़तियों के माध्यम से ही होगी। ध्यान रहे सरकार के निर्णय के खिलाफ प्रदेशभर के करीब 50 हजार आढ़ती शनिवार से हड़ताल पर थे। 11 जिलों की मंडियों में गेहूं की खरीद का काम ठप्प हो गया था।
हरियाणा प्रदेश व्यापार मंडल के प्रांतीय अध्यक्ष व हरियाणा कन्फेड के पूर्व चेयरमैन बजरंग दास गर्ग ने व्यापारी प्रतिनिधियों कि समस्या सुनने के उपरांत कहा कि हरियाणा सरकार द्वारा गेंहू खरीद का भुगतान आढ़तियों के माध्यम से ना करके सीधे किसान के खाते में करने के आदेश देने से प्रदेश के आढ़तियो में बड़ी भारी नाराजगी को देखते हुए हरियाणा सरकार ने गेंहू का भुगतान मंडी के आढ़तियों के माध्यम से करने का पुन निर्णय लिया है। यह प्रदेश के व्यापारियों की एकता की सफलता है।
प्रांतीय अध्यक्ष बजरंग दास गर्ग ने कहा की हरियाणा सरकार द्वारा बार बार तुगलकी फरमान जारी करने से प्रदेश का व्यापार खत्म होता जा रहा है। सरकार मंडियों से आढ़तियों का व्यापार खत्म करने पर तुली हुई है। यहां तक की किसान व्यापारियों में भाईचारा खराब करने की नाकाम कोशिश में सरकार लगी हुई है, जिसे किसी किमत पर बर्दाश्त नहीं किया जायेगा।
प्रांतीय अध्यक्ष बजरंग दास गर्ग ने कहा की सरकार ने जो आढ़तियों के माध्यम से फसल का भुगतान ना करने का जो फरमान जारी किया था वह सिर्फ 11 जिलों की मंडियों में ही लागु किया, जो मंडी के आढ़तियों में भी फुट डालने की साजिश थी। व्यापारी एकता के आगे सरकार पूरी तरह विफल रही। श्री गर्ग ने कहा की व्यापारी देश की रीढ़ की हड्डी है सरकार को किसान व व्यापारी के हित में काम करना चाहिए ताकि देश में व्यापार को बढ़ावा मिल सके और किसानों को भी लाभ मिल सके।