फतेहाबाद (साहिल रुखाया)
फतेहाबाद जिला प्रदेश का पहला ऐसा जिला बन गया जिसके प्राईवेट स्कूलों का निर्धारित सरकारी गाईडलाईन के अनुसार डाटाबेस अब एक क्लिक पर प्रशासन व अभिभावक के पास उपलब्ध होगा। इसके लिए जिला प्रशासन ने ‘विद्यालय दर्पण’ वैब पोर्टल लॉंच किया है। उपायुक्त डॉ हरदीप सिंह ने प्राईवेट स्कूल एसोसिएशन और जिलाधिकारियों की बैठक में इस विद्यालय दर्पण वैब पोर्टल का उद्घाटन किया।
मुख्यबिंदू
*उपायुक्त ने ‘विद्यालय दर्पण’ वैब पोर्टल का किया उद्घाटन
*प्राईवेट स्कूलों का डाटाबेस तैयार करने वाला फतेहाबाद प्रदेश का पहला जिला
*हर 3 माह में प्राईवेट स्कूलों को करना होगा डाटा अपडेट
उपायुक्त ने बताया कि यह वैब पोर्टल प्राईवेट विद्यालय के सभी पैरामीटर का रिकॉर्ड पब्लिक डोमेन में उपलब्ध करवाएगा। उन्होंने बताया कि जिला प्रशासन ने अभिभावकों, स्कूलों और प्रशासन के काम में सरलीकरण और एक मजबूत डाटाबेस तैयार करने की दिशा में इस वैब पोर्टल को बनाया है। यह वैब पोर्टल जिला स्तर पर पायलेट प्रोजेक्ट के रूप में शुरू किया जा रहा है। उन्होंने सभी प्राईवेट स्कूलों से कहा कि वे इस वैब पोर्टल पर प्रत्येक तीन माह बाद डाटाबेस अपडेट करें। डाटाबेस अपडेट करने के बाद अपना फीडबैक भी जरूर दें। उन्होंने कहा कि अभी वैब पोर्टल शुरूआती तौर पर शुरू किया गया है, अगर इसमें किसी प्रकार के परिवर्तन की गुंजाईश रहती है तो एसोसिएशन अपना सुझाव प्रशासन को दे सकती है। इस प्रोजेक्ट के सफल हो जाने पर सरकार से प्रदेश के सभी प्राईवेट स्कूलों में लागू करने का अनुरोध किया जाएगा।
डॉ हरदीप सिंह ने बताया कि अभिभावकों के मन में यह शंका रहती है कि वे जिस विद्यालय में अपने बच्चों को शिक्षा ग्रहण के लिए भेज रहे हैं, उनकी सुरक्षा के क्या मापदंड है और वे किस प्रकार से सरकार के मापदंडों को मान रहे हैं। इसके अलावा अभिभावक एक दूसरे विद्यालयों का तुलनात्मक अध्ययन भी इस वैब पोर्टल के माध्यम से कर सकेंगे कि उनके बच्चों के लिए बेहतर स्कूल कौन सा है। उपायुक्त ने सभी स्कूल प्रबंधकों से कहा है कि वे वैब पोर्टल में निर्धारित 88 पैरामीटर को फीड करें और अपनी रिपोर्ट बनाए। उन्होंने बताया कि जैसे ही विद्यालय इन 88 पैरामीटर्स को भरेगा तो संबंधित विभाग के पास उसकी जानकारी पहुंच जाएगी। अब संबंधित विभाग भी अपनी रिपोर्ट विद्यालय द्वारा भरे गए डाटाबेस के आधार पर तैयार कर सकेगा कि विद्यालय सरकार द्वारा निर्धारित नियमों और मानदंडों को पूरा कर रहे हैं या नहीं।
उन्होंने उदाहरण देते हुए बताया कि वैब पोर्टल में विद्यालय से यह जानकारी मांगी गई है जैसे विद्यालय में कितने भवन है, शौचालयों की संख्या व उनकी स्थिति, स्टाफ की स्थिति, स्टाफ में महिला व पुरूष की संख्या, वाहनों की संख्या व विवरण, चालक व परिचालक के मोबाइल नंबर, सुरक्षा से संबंधित मापदंड सहित 88 कॉलम बनाए गए है। उपायुक्त ने कहा कि विद्यालय जब अपना पूर्ण डाटा भर देगा तो संबंधित विभाग उसको वैरिफाई करेगा और नियमों के अनुसार न होने पर एक्शन भी लेगा। उन्होंने बताया कि इसके अलावा एक थर्ड आई भी बनाया गया है, जिसमें उपायुक्त, पुलिस अधीक्षक और डीईओ सभी विद्यालयों का डाटाबेस चैक कर सकेंगे और संबंधित विभाग ने उन डाटाबेस का क्या वैरिफिकेशन किया है, उसकी रिपोर्ट भी वे एक क्लिक पर प्राप्त कर सकेंगे।
डॉ हरदीप सिंह ने बताया कि जिला में लगभग 200 प्राईवेट स्कूल है, जिनमें 75 हजार बच्चे शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं, जो एक बड़ी संख्या है। प्रशासन और सरकार की यह सोच है कि उनको एक बेहतर वातावरण और सुरक्षा मिले। इसलिए प्राईवेट स्कूलों को एक बैव पोर्टल के माध्यम से डाटाबेस तैयार किया जा रहा है जो विद्यालय के साथ-साथ अभिभावकों व सरकार के लिए भी उपयोगी साबित होगा।
इस मौके पर पुलिस अधीक्षक दीपक सहारण ने बताया कि जिला प्रशासन द्वारा विद्यालय दर्पण वैब पोर्टल की शुरूआत बहुत शुद्ध और दूरगामी परिणाम की सोच है। उन्होंने बताया कि प्रशासन के पास इस प्रकार का आंकड़ा रहना चाहिए कि बच्चों की सुरक्षा के लिए संबंधित स्कूलों में क्या प्रबंध है। उन्होंने बताया कि गुरूग्राम, पानीपत में दुर्भाग्यपूर्ण घटनाएं हुई है। फतेहाबाद जिला प्रशासन चाहता है कि जिला में इस प्रकार की घटनाएं न घटे, इसके लिए विद्यालय अपने हर प्रकार के आंकड़े प्रशासन को उपलब्ध करवाए और फीडबैक भी दें।
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मुख्यमंत्री सुशासन सहयोगी सुश्री अंजू आर्य ने बताया कि जिला प्रशासन ने प्रदेश में अपनी तरह का एक अनूठा प्रयास विद्यालय दर्पण वैब पोर्टल के माध्यम से शुरू किया है। यह पायलेट प्रोजेक्ट जिला में शुरू किया जा रहा है। इसके सफल होने पर प्रदेश सरकार से भी अन्य जिलों में इसे शुरू करवाने के लिए प्रार्थना की जाएगी। उन्होंने कहा कि विद्यालय द्वारा भरा जाने वाला डाटाबेस अपने आप विभाग को प्रेषित हो जाएगा और उस पर विभाग एक्शन लेगा तो विभाग की कार्यप्रणाली में भी तीव्रता आएगी। उन्होंने कहा कि आम नागरिक भी बच्चे के दाखिले के समय स्कूलों के डाटाबेस को देख सकेंगे कि किस विद्यालय में क्या सुविधा प्राप्त हो रही है। इससे जहां विद्यालयों में दाखिले बढ़ेंगे, वहीं अभिभावकों को अच्छे स्कूलों के चयन में सुविधा होगी।
बैठक में एसडीएम सतबीर जांगु, डीईओ दयानंद सिहाग, डीईईओ संगीता बिश्रोई, सीएमओ डॉ मनीष बंसल सहित प्राईवेट स्कूल एसोसिएशन के पदाधिकारी और विभिन्न स्कूलों के प्राचार्य मौजूद रहे।