हिसार

20 हजार लोगों को प्यासा रखकर पानी पर डाला जा रहा है डाका, लोगों ने मौके पर पहुंचकर मोगे से हटाई बाल्टी

आदमपुर (अग्रवाल)
करीब 20 हजार लोग पिछले 3 दिनों से पानी की एक बूंद—बूंद को तरस रहे है, लेकिन ‘पानी चोर’ जलघर के पानी पर डाका ड़ालकर लोगों को प्यासा रखकर अपने खेतों में पानी ले जाने का जुगाड़ करने में लगे हुए है।

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पिछले 3 दिनों से आदमपुर में पानी की कमी के चलते पेयजल की सप्लाई नहीं हुई है। शनिवार को नहर में पानी फुल आ जाने के बाद भी पूरी रात में जलघर के टैंक नहीं भर पाए। जब रविवार सुबह पेयजल की सप्लाई नाममात्र हुई तो लोग एकत्रित होकर मॉडल टाउन स्थित जलघर पहुंचे। जल्धर के टैंक में कम पानी को देखकर लोगों ने मोगे पर आकर कारण जानना चाहा तो दंग रह गए। जलघर की तरफ पानी के बहाव को कम करने के लिए मोगे में टूटी हुई बाल्टी फसा रखी थी। इससे काफी कम मात्रा पानी जलघर की तरफ आ रहा था।

आम आदमी पार्टी के नेता सम्पत सिहं राजपुरोहित ने मौके पर बाल्टी को निकालकर बाहर फैंका। इसके बाद पानी का बहाव तेज हो पाया। सम्पत सिंह राजपुरोहित ने बताया कि उन्हें सूचना मिली है कि नहर महज एक सप्ताह ही चलनी है। ऐसे में यदि जलघर के टैंक नहीं भरे तो क्षेत्र में पानी की काफी किल्लत हो जायेगी। इसलिए आमजन को आगे आकर यहां बारी—बारी पानी के बहाव को देखना होगा, ताकि यहां कोई गड़बड़ी ना हो सके।
अकसर होता है पानी चोरी
जलघर का पानी अकसर चोरी होता रहता है। इसका मुख्य कारण जलघर के कर्मचारियों की लापरवाही भी है। नियमानुसार जलघर के कर्मचारियों को बार—बार मोगे पर आकर पानी के बहाव का निरीक्षण करना होता है, लेकिन किसानों से मिलीभगत करके ये कर्मचारी मोगे की तरफ जाते ही नहीं। ऐसे में अकसर यहां से पानी चोरी होता रहता है। पूरी रात मोगे में बाल्टी को फसाकर जलघर के पानी के बहाव को कम रखा गया लेकिन किसी भी कर्मचारी ने मौके पर आकर बहाव के कम होने के कारण को जानने की कोेशिश नहीं की। रविवार सुबह भी लोगों ने आकर मोगे में फसी बाल्टी को हटाया। जो काम जलघर के कर्मचारियों का है, वो काम भी आमजन कर रहे है। ऐसे में साफ है कि जलघर में नियुक्त कर्मचारी अपनी ड्यूटी के प्रति गंभीर नहीं है। इसका खमियाजा आमजन को भुगतना पड़ रहा है।

कर्मचारियों पर कार्रवाई
लोगों का कहना है कि विभाग को पूरे मामले पर संज्ञान लेते हुए दोषी कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई करनी चाहिए। जब तक विभाग कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई नहीं करेगा, यहां से पानी चोरी की घटनाओं में कमी नहीं पा पायेगी। यदि विभाग कर्मचारियों के खिलाफ एक्शन लेगा तो वे अपने—आप ‘पानी चोर’ के नाम को उजागर करेंगे।

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