हिसार,
सामाजिक न्याय एवं आधिकारिता विभाग द्वारा निर्धारित मापदंड़ों को दरकिनार करके वृद्धावस्था पैंशन प्राप्त करने वाले लाभपात्रों की जांच की जाएगी। विभाग के नियमानुसार 2 लाख रुपये से ज्यादा वार्षिक आय वाला कोई भी पुरूष या महिला इस पैंशन के पात्र नहीं है, वहीं सेवानिवृत कर्मचारी जिसकी वार्षिक आय 2 लाख रुपये से ज्यादा बनती है उनकी पत्नी यह पैंशन लाभ नहीं ले सकती। बहुत से लोग ये तथ्य छुपाकर पैंशन के लिए फार्म भर देते हैं, जो अनुचित व विभागीय नियमों के विरूद्ध है।
जिला समाज कल्याण अधिकारी डा. दलबीर सिंह सैनी ने बताया कि विभाग से विभिन्न पैंशन प्राप्त करने के लिए नियम बनाए गए हैं। इन नियमों के तहत फार्म भरकर ही कोई पात्र व्यक्ति पैंशन का लाभ प्राप्त कर सकता है। यदि कोई व्यक्ति तथ्य छिपाकर पैंशन प्राप्त करता है तो यह विभागीय नियमों के खिलाफ तो है ही, धोखाधड़ी का मामला भी बनता है। विभाग ने ऐसे पैंशन लाभपात्रों की जांच करवाने का फैसला किया है, जिन्होंने तथ्य छिपाकर पैंशन बनवाई है और नियमों के खिलाफ पैंशन बनवाने वालों पर कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा कि पैंशन प्राप्त करने वाले की वार्षिक पारिवारिक आय दो लाख रुपये से अधिक नहीं होनी चाहिए, वहीं पैंशन प्राप्त करने वाला या उसकी धर्मपत्नी सरकारी सेवा से सेवानिवृत नहीं होने चाहिए क्योंकि अधितकर सेवानिवृत कर्मचारियों की वार्षिक पारिवारिक आय 2 लाख रुपये से अधिक बनती है, इसलिए उनकी पत्नी भी वृद्धावस्था पैंशन की हकदार नहीं है।
डा. दलबीर सिंह सैनी ने बताया कि सामाजिक न्याय एवं आधिकारिता विभाग के माध्यम से सरकार विभिन्न श्रेणियों के लाभपात्रों को सामाजिक सुरक्षा सम्मान भत्ता दे रही है। ऐसे में यह लाभ प्राप्त करने वालों का कर्तव्य बनता है कि वे सरकार एवं विभागीय नियमों के अनुसार ही पैंशन लें और यदि वे पैंशन के पात्र नहीं हैं तो गलत ढंग से पात्र बनने का प्रयास न करें। गलत ढंग से पैंशन बनवाने वालों व तथ्य छिपाकर पैंशन बनवाने वाले लाभपात्रों की समय-समय पर जांच की जाती है और यदि कोई दोषी पाया तो उसकी पैंशन न केवल बंद की जाएगी बल्कि अब तक ली गई पैंशन की वसूली करके उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई भी की जाएगी। उन्होंने कहा कि विभाग द्वारा दी जा रही पैंशन के लिए अब गांवों व शहरों में स्थापित सीएससी सेंटरों के माध्यम से ही ऑनलाइन फार्म भरे जाते हैं ताकि कार्य में पूरी पारदर्शिता रहे।