नई दिल्ली
मोदी सरकार की महत्वाकांक्षी परियोजनाओं में से एक देश के 100 शहरों को स्मार्ट सिटी बनाने का प्रॉजेक्ट है। अब शहरी विकास मंत्री वेंकैया नायडू ने 30 और शहरों को स्मार्ट सिटी के तौर पर विकसित करने की घोषणा कर दी है। इस परियोजना के तहत यह स्मार्ट सिटी की चौथी और आखिरी लिस्ट है। पहले दौर में 20 शहरों की घोषणा की गई थी, जिनमें टॉप पर भुवनेश्वर रहा।
प्रतिस्पर्धा के जरिए चुने गए 30 शहर
30 शहरों का चयन प्रतिस्पर्धा के आधार पर किया गया। इनमें त्रिवेंद्रम पहले और पटना 5वें नंबर पर है। वहीं , जम्मू और श्रीनगर दोनों ही स्मार्ट सिटी के तौर पर विकसित किए जाएंगे। यूपी से इलाहाबाद, अलीगढ़ और झांसी को स्मार्ट सिटी के लिए चुना गया। वहीं पर्वतीय प्रदेशों की राजधानी देहरादून और शिमला दोनों का ही चयन किया गया।
स्मार्ट सिटी रायबरेली और मेरठ प्रतिस्पर्धा में पिछड़े
कांग्रेस अध्यक्ष का संसदीय क्षेत्र रायबरेली का चयन स्मार्ट सिटी के तौर पर नहीं किया गया। वहीं दिल्ली से काफी पास मेरठ भी प्रतिस्पर्धा में पास नहीं हो सका। त्रिवेंद्रम, नया रायपुर, राजकोट, अमरावती, पटना, करीमनगर, मुजफ्फपुर, पुडुचेरी, गांधीनगर, श्रीनगर, सागर, करनाल, सतना, बेंगलुरु, शिमला, त्रिपुर, पिंपली-चिंचवाड़, बिलासपुर, पासीघाट, जम्मू, दाहोद, तिरुनवेल्ली, थूठकुडी, त्रिरुचेल्लापल्ली, झांसी, आइजोल, इलाहाबाद, अलीगढ़ और गंगटोक का चयन किया गया है।
हरियाणा में केवल एक
सरकार ने स्मार्ट सिटी को लेकर अंतिम सूचि जारी कर दी। इसमें केवल सीएम सिटी को ही स्थान मिल पाया है। फरीदाबाद, हिसार और पंचकूला को निराशा ही मिली है। प्रदेश में विभिन्न सरकारों द्वारा बार—बार हरियाणा के विकास और प्रगति को लेकर दावे किए जाते रहे है, नंबर वन पर सूबे को बताया जाता रहा है—लेकिन स्मार्ट सिटी के मापदंड़ों पर केवल एक ही शहर के होने से साफ है कि सरकारों के दावे महज हवाई थे और है।
महत्वाकांक्षी योजना है सरकार की
मोदी सरकार में शहरी विकास मंत्रालय की सबसे बड़ी पहल के तौर पर स्मार्ट सिटी परियोजना को देखा जाता है। इसके तहत पूरे देश में 100 स्मार्ट सिटी विकसित किए जाने हैं। इस परियोजना की सबसे खास बात यह है कि कम से कम 100 शहरों में बुनियादी ढांचा दुरुस्त करने का काम किया जाएगा।