हिसार
नैनो टेक्नोलॉजी का प्रयोग लगातार विश्व में बढ़ता जा रहा है। इसके चलते इस कोर्स की मांग भी लगातार बढ़ती जा रही है। इस क्षेत्र में जल्द ही शैफाली मिश्रा भी अपना नाम चमकायेगी, ऐसा मानना है उसके शिक्षकों का।
गुरू जम्भेश्वर विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के बायो एंड नैनो टेक्नोलॉजी विभाग की एमएससी जैव प्रौद्योगिकी की पूर्व छात्रा (बैच 2014-2016) शैफाली मिश्रा को पीएचडी के लिए इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस (आईआईएससी) बैंगलोर के आणविक प्रजनन, विकास और अनुवंशिकी विभाग द्वारा चुना गया है। उनका चयन संस्था द्वारा आयोजित ज्ञान आधरित विश्लेषणात्मक साक्षात्कार के तहत हुआ है। विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. टंकेश्वर कुमार व कुलसचिव डा. अनिल कुमार पुंडीर ने पूर्व छात्रा शैफाली मिश्रा को इस उपलब्धी पर बधाई दी और उनके उज्ज्वल भविष्य की कामना की।
बायो एंड नैनो टेक्नोलॉजी विभागाध्यक्ष डा. नमिता सिंह का कहना है कि शैफाली मिश्रा विभाग की बहुत ही मेधावी छात्रा रही हैं। मिश्रा ने सीएसआईआर-यूजीसी-जेआरएफ की परीक्षा पहले प्रयास में ही उर्तीण कर ली थी। उन्होंने बताया कि जेआरएफ उर्तीण होने उपरान्त उनको इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस एजुकेशन एंड रिसर्च (आईआईएसईआर) मोहाली तथा इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (आईआईटी), मुम्बई द्वारा पीएचडी करने हेतू पेशकश की गई, परन्तु वह अपनी उच्च शिक्षा भारतीय विज्ञान संस्थान, बैंगलोर से प्राप्त करना चाहती थी। उन्होंने बताया कि शैफाली मिश्रा ने भारतीय विज्ञान संस्थान बैंगलोर में दाखिले के लिए कड़ी मेहनत की और अपना लक्ष्य हासिल किया।