हिसार

5 गांवों के लोगों को एक खरोंच तक आई तो भाजपा को भुगतने होंगे गंभीर परिणाम—रेणुका बिश्नोई

हिसार,
जेठ की तपती दोपहरी में अपना कामकाज, घर-बार छोड़कर यहां धरने पर बैठने को मजबूर बीड़ बबरान, सी-ब्लॉक चिकनवास, झीड़ी, ढंढूर, ढाणी पीरांवाली के ग्रामीणों का संघर्ष जरूर रंग लाएगा और एक भी परिवार को उजाडऩे का अधिकार न तो सरकार को है और न ही प्रशासन को। तानाशाही भाजपा सरकार यह अच्छी तरह से समझ ले कि आदमपुर हलके के इन पांच गांवों के लगभग 25 हजार लोगों में से एक व्यक्ति को खरोंच तक आई तो इसके गंभीर परिणाम भुगतने होंगे। वर्षों से आबाद इन गांवों को एक नोटिस देकर खाली करने का तुगलकी आदेश सरकार जल्द से जल्द वापिस ले। यह बात हांसी की विधायक रेनुका बिश्नोई ने पारिजात चौक पर धरने पर बैठे पांच गांवों के ग्रामीणों को संबोधित करते हुए कही। उन्होंने कहा कि कुलदीप बिश्नोई ने विधानसभा में भी इस मुद्दे को लेकर आवाज उठाई थी और पत्र के माध्यम से मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल खट्टर से भी स्वयं इस मामले में संज्ञान लेकर कदम उठाने के लिए कहा था। एक बार फिर से कुलदीप बिश्नोई इस बारे में मुख्यमंत्री से बात करेंगे और किसी भी सूरत में ग्रामीणों के साथ अन्याय नहीं होने दिया जाएगा।

रेनुका बिश्नोई ने कहा कि 1955 से ये सभी गांव आबाद हैं। यहां 12वीं तक स्कूलों में कुल 2 हजार लड़के-लड़कियां पढ़ते हैं, सरकारी स्कूल, आंगनवाड़ी केन्द्र, बिजली मीटर, पब्लिक हैल्थ से पानी की सप्लाई से लेकर तमाम सरकारी बुनियादी ढांचे मौजूद हैं। 25 हजार आबादी वाले इन गांवों में एक नोटिस भेजकर सरकार इनको अवैध घोषित नहीं कर सकती। विधायक ने कहा कि जनभावनाओं को कुचलकर जनता पर तानाशाही नीतियां थोपना भाजपा की कार्यप्रणाली का अहम हिस्सा रहा है। न तो सरकार में बैठे मंत्रियों और न ही मुख्यमंत्री को प्रदेश की जमीनी हकीकत का पता है। पहली बार विधायक बनने पर मुख्यमंत्री और मंत्री बनने वाले किस प्रकार से प्रदेश की जनता की नब्ज को पहचान पाएंगे यह अंदाजा तो साढ़े तीन साल पहले ही हो गया था और सरकार की कार्यप्रणाली से यह साबित भी हो गया है कि अनुभवहीन नेताओं के हाथ में प्रदेश की बागडोर है, जिसका खामियाजा हरियाणा का आम जनमानस भुगत रहा है।

रेनुका बिश्नोई ने कहा कि विज्ञापनों में विकास का ढोल पीटने वाली भाजपा सरकार में न तो लोगों को रोजगार मिल रहा है और न ही सुरक्षा। क्राइम के स्तर पर हरियाणा की स्थिति बिहार से भी बदतर हो गई है। महिलाओं, बच्चियों के साथ अत्याचार की घटनाएं तेजी से बढ़ रही हैं। वोट की राजनीति के लिए भाजपा समाज को बांटने की साजिश रचती है। केन्द्र एवं प्रदेश सरकार की असलियत जनता भली भांति समझ चुकी है और आने वाले लोकसभा व विधानसभा चुनावों में हरियाणा से भाजपा का सफाया तय है। इस दौरान रणधीर सिंह पनिहार, संजय गौतम, सूबे सिंह आर्य, जयवीर गिल, सुभाष टाक, अजय जांगड़ा, पंकज दिवान, भगत सिंह लोरा, विरेन्द्र बामल, मन्नी राजपाल, रमेश सहित बड़ी संख्या में पांचों गांवों से जुड़े प्रतिनिधि थे।

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