रोहतक हरियाणा

जाट समुदाय की हुंकार : 16 अगस्त से सीएम और मंत्रियों के कार्यक्रमों को प्रदेश में नहीं होने देंगे

रोहतक,
जसिया में जाट महासम्मेलन में अखिल भारतीय जाट आरक्षण संघर्ष समिति के राष्ट्रीय अध्यक्ष यशपाल मलिक ने ऐलान किया है कि 16 अगस्त से प्रदेश में हरियाणा के मुख्यमंत्री व मंत्रियों के कार्यक्रम का आयोजन नहीं होने दिया जायेगा। यदि सरकार ने कार्यक्रम के आयोजन की कोशिश की तो कार्यक्रम स्थलों को धरना स्थल में तब्दील कर दिया जायेगा।


यशपाल मलिक ने साफ किया कि आरक्षण को लेकर प्रदेश सरकार गंभीर नहीं हैै। जाट समुदाय की सरकार से केवल एक ही मांग है कि उन्हें आरक्षण दिया जाए और आंदोलन के दौरान बनाए गए सभी मामलों को तुंरत वापिस लिए जाए। सरकार सुप्रीम कोर्ट में सही आंकड़े पेश कर जाट आरक्षण से सटे हटवाने का काम करे। सरकार एबीपीजीसी की तरह एसबीसी के उम्मीदवारों को भी नौकरी ज्वाइन करवाए।

केंद्र सरकार मानसून स्तर में सामाजिक व शैक्षणिक पिछड़ा आयोग के बिल को पास करके जाट समुदाय को केंद्र में आरक्षण दे। यशपाल मलिक ने कहा जाट समुदाय किसी दूसरे समुदाय का हक नहीं लेना चाहता। हमारी मांग केवल इतनी है कि लगातार पिछड़ रहे जाट समुदाय को आरक्षण देकर समाज की मुख्यधारा में बनाकर रखा जाए। हमारे समुदाय के युवाओं को शिक्षा और नौकरियों में आरक्षण दिया जाए।

मलिक ने बताया कि आंदोलन की शुरुआत में 15 जून से 15 अगस्त हरियाणा के सभी हलकों, जिला स्तर, तहसील व ब्लॉक में भाई चारा सम्मेलन का आयोजन किया जायेगा। इस दौरान सभी जातियों को समझाया जायेगा कि वे उनके खिलाफ नहीं है बल्कि हम केवल अपना हक मांग रहे है। जाट समुदाय सदा भाईचारे को आगे रखता है। यदि कोई भाईचारे को बिगाड़ने की राजनीति कर रहा है तो उसे सभी मिलकर सबक सिखाए।

यशपाल मलिक ने सभी राजनैतिक दलों से अपील की कि वे भाजपा के खिलाफ जाट समाज के पक्ष में विधानसभा व संसद में आवाज उठाएं। राज्यस्थान व मध्यप्रदेश के चुनाव व 2019 लोकसभा चुनाव जाट समाज के खिलाफ अन्याय व अत्याचार को वे मुद्दा बनाकर प्रचार करेंगे। इसके लिए वे जल्द ही मराठा, पटेल, कापू जातियों से मिलकर आंदोलन की रणनीति तय करेंगे।

निम्न प्रस्ताव पास कराये गयेः

1. 16 अगस्त 2018 से हरियाणा प्रदेष में हरियाणा सरकार के मुख्यमन्त्री व मन्त्रियों द्वारा आयोजित कार्यक्रमों के स्थलों को संघर्ष समिति अपना धरना स्थल बनायेगी और सरकार से सभी माँगें पूरी होने तक उसके हर कार्यक्रम का विरोध करेगी। शान्तिपूर्वक आन्दोलन के सभी विकल्प जैसे धरने, प्रदर्शन्, असहयोग आन्दोलन आदि खुले रहेंगे।

2. 16 अगस्त 2018 से पहले भी अगर हरियाणा में बीजेपी का कोई राष्ट्रीय स्तर का कार्यक्रम हुआ, तब आन्दोलन की शुरूआत पहले भी हो सकती है।

3. हरियाणा सरकार शीघ्र उच्चतम न्यायालय में सही पक्ष रख स्टे हटवाये व उच्च न्यायालय में आंकड़े रख जाट आरक्षण आन्दोलन लागू करे एवं केन्द्र सरकार आने वाले संसद के मानसून सत्र (जुलाई) में राष्ट्रीय, सामाजिक व शैक्षणिक पिछड़ा वर्ग आयोग के संसद में लम्बित बिल को पास करे।

4. 15 जून 2018 से 15 अगस्त 2018 तक हरियाणा के सभी गाँव, हल्का, ब्लॉक, तहसील व जिले स्तर पर भाईचारा सम्मेलन आयोजित कर अपने साथ दूसरी पिछड़ी व दलित जातियों के लोगों व किसान संगठन एवं सरकार के खिलाफ आन्दोलन करने वाले सभी संगठनों को भी एक मंच पर लाकर आन्दोलन की जिलेवार जिम्मेदारी तय की जायेगी।

5. सभी राजनीतिक दलों को विधानसभा व संसद में समाज के खिलाफ अन्याय व अत्याचार करने वाली व जाति व धर्म के आधार पर बाँटने वाली बीजेपी सरकार के खिलाफ आवाज उठाने की माँग की जोयगी।

6. राजस्थान व मध्य प्रदेष जाट बाहुल्य राज्य हैं। जहां पर दिसम्बर 2018 में ही विधानसभा चुनाव है। वहां पर कार्यक्रमों का जिले स्तर पर आयोजन कर सरकार द्वारा जाट समाज के खिलाफ अन्याय व अत्याचार को मुद्दा बनाया जायेगा व इसी तरह उत्तर प्रदेष, दिल्ली, उत्तराखण्ड, हिमाचल व पंजाब के साथ अन्य राज्यों में जिला स्तर पर कार्यक्रम आयोजन कर धरने प्रदर्षन के साथ-2 लोकसभा चुनाव 2019 में जाट समाज के खिलाफ अन्याय व अत्याचार को मुद्दा बनाया जायेगा।

7. देष भर में ओ.बी.सी. के लिये आन्दोलन चला रहे पटेल, मराठा, कापू आदि जातियों के साथ मिलकर भी भविष्य के आन्दोलन की योजना बनायी जायेगी।

8. हरियाणा सरकार जिस तरह से उच्च न्यायालय में अपना पक्ष रख कर ई.बी.पी.जी.सी. (Economically Backward Person In General Caste) के कैंडिडेट्स की ज्वाइनिंग करा रही है, उसी प्रकार से एस.बी.सी. (Special Backward Caste) के कैंडिडेट्स की भी ज्वाइनिंग कराये

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Jeewan Aadhar Editor Desk