अमृतसर,
पंजाब में जल संकट के चलते धान की रोपाई को लेकर किसानों और पंजाब सरकार आमने-सामने हो गए हैं। पंजाब सरकार ने धान की रोपाई पर 20 जून तक पाबंदी लगाई है, लेकिन किसान इसे मानने को तैयार नहीं हैं। कुछ किसानों ने 10 जून से ही धान की रोपाई शुरू कर दी। रविवार को फिरोजपुर के गांव बालेवाला के किसान जगसीर सिंह की तीन एकड़ में धान की रोपाई पर कृषि विभाग के अधिकारियों ने ट्रैक्टर चला कर उसे नष्ट कर दिया है। वहीं, संगरूर जिले के गांव छाजली में एक एकड़ में लगाए गए धान को भी सरकार ने नष्ट करवा दिया।
वहीं, मानसा जिले के गांव भैनीबाघा में किसान यूनियन उग्राहां व पंजाब किसान यूनियन ने किसानों से धान की रोपाई शुरू करवाई। किसान संगठमों ने सरकार को चेतावनी देते हुए कहा कि सरकार ने जो फरमान जारी किया है, उसका किसान संगठन विरोध करती है। मौके पर मौजूद ब्लॉक कृषि अधिकारी डॉ. सुरिंदर पाल सिंह ने बताया कि पानी बचाओ कानून 2009 के तहत ही 20 जून तक प्रदेश में धान की रोपाई पर सरकार ने प्रतिबंध लगा रखा है।
नहीं माने तो 10 हजार का लगेगा जुर्माना
कृषि विभाग के चीफ डॉ जगजीत सिंह माहिर ने जी मीडिया को बताया कि कृषि विभाग एक्ट के तहत बठिंडा में करीब 12 किसानों को 20 तारीख से पहले धान की रोपाई करने को लेकर नोटिस भेजा गया है। अगर इन किसानों ने अपनी धान की बिजाई को नष्ट नहीं किया तो दो दिन के भीतर उनपर 10,000 रुपए का जुर्माना लगाया जाएगा। साथ ही उनके ट्यूबवेल कनेक्शन भी काट दिए जाएंगे।
मनमानी करने वाले किसानों को नोटिस
उन्होंने कहा कि बठिंडा में धान की रोपाई करीब 1 लाख 60 हजार हेक्टेयर में होती है। अधिकतर किसानों ने सरकार की बात मान ली है। लेकिन, कुछ किसान यूनियन के झांसे में आकर धान की बिजाई 10 जून से ही शुरू कर दी है। पंजाब सरकार और कृषि विभाग ऐसे किसानों पर निगाह रखे हुए है। उनका रिकॉर्ड खंगालकर उन्हें नोटिस भेजा जा रहा है।
जिद पर अड़े किसान
उधर, किसान रोपाई करने के लिए 20 जून तक रुकने के लिए तैयार नजर नहीं आ रहे। किसानों ने तीखे शब्दों में कहा कि कृषि विभाग और पंजाब सरकार कुछ भी कर ले, लेकिन हम रोपाई के लिए 20 जून का इंतजार नहीं करेंगे। किसानों का कहना है कि एक दिन में रोपाई के लिए मजदूर मिलना मुश्किल है इसलिए हमने 10 जून से ही रोपाई शुरू कर दी।