हिसार,
राष्ट्रीय राजमार्ग और मुख्य मार्ग सहित शहर को बेसहारा पशुओं से मुक्त करने का प्रशासन का लक्ष्य 30 जून का है। इसे मात्र 3 दिन रह गए हैं, मगर शहर में अभी भी शायद ही कोई सड़क या आवासीय कॉलोनी होगी, जहां बेसहारा पशु न घूमते हों।
प्रशासन भले ही इस लक्ष्य को हासिल करने में अभी दूर हो, मगर सरकार द्वारा गौ अभयारण्य को बनाने के लिए प्रारूप तैयार किया गया है। 50 एकड़ भूमि क्षेत्र में बनने वाले इस गौअभयारण्य में 25 एकड़ भूमि क्षेत्र में गौशाला बनेगी और शेष 25 एकड़ में से साढ़े 12 एकड़ भूमि क्षेत्र में नंदीशाला बनाई जाएगी। वहीं शेष साढ़े 12 एकड़ भूमि क्षेत्र में से सवा छह-सवा छह एकड़ भूमि क्षेत्र में चारे की पैदावार की जाएगी। प्रशासन ने चारे की व्यवस्था अपने स्तर पर करने का फैसला पूर्व के कटु अनुभवों के चलते लिया है। धान्सू रोड पर चल रहे अस्थाई पशु बाड़े में प्रशासन चारे की व्यवस्था नहीं कर पा रहा था, जिसके चलते शहर के समाजसेवियों ने बीड़ा उठाया और पिछले कई महीनों से समाजसेवी चारे की व्यवस्था कर रहे हैं।
गौ-अभयारण्य के निर्माण को लेकर बने प्रारूप में 15 लाख रुपए की कीमत से पीडब्ल्यूडी बी एंड आर विभाग की तरफ से शेड बनवाएंगे और अभयारण्य पर पानी के कनैक्शन की व्यवस्था पब्लिक हैल्थ द्वारा की जाएगी, जिसका एस्टीमेट लगभग 10 से 12 लाख रुपए है।
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