हिसार,
हरियाणा रोडवेज ज्वाइंट एक्शन कमेटी ने राज्य सरकार द्वारा कैबिनेट की अनौपचारिक बैठक में परिवहन विभाग में किलोमीटर स्कीम पर 700 निजी बसें शामिल करने के निर्णय को जनविरोधी बताते हुए सरकार पर इस जनकल्याणकारी विभाग को तहस-नहस करने का आरोप लगाया है और चेतावनी दी है कि रोडवेज कर्मचारी इसे सहन नहीं करेंगे।
तालमेल कमेटी के वरिष्ठ सदस्य दलबीर किरमारा, रमेश सैनी व कुलदीप पाबड़ा ने एक संयुक्त बयान में कहा कि यदि सरकार वास्तव में प्रदेश की जनता को परिवहन की बेहतर सुविधा देना चाहती है तो सरकारी बसों का बेड़ा कम से कम 10 हजार किया जाए ताकि हजारों बेरोजगारों को स्थाई रोजगार भी मिले। उन्होंने कहा कि सरकार बेरोजगारों व आम जनता की चिंता छोड़कर केवल चहेतों का हित सोच रही है, इसीलिए रोडवेज में सरकारी बसों का बेड़ा बढ़ाने की बजाय बार-बार निजी बसें लाकर विभाग का अघोषित रूप से निजीकरण करने का प्रयास कर रही है, जो निंदनीय है और इसे सहन नहीं किया जाएगा।
उन्होंने चहेतों को फायदा पहुंचाने का उदाहरण देते हुए कहा कि प्राइवेट परिवहन स्कीम 2016-17 को रद्द किये हुए एक साल बीत चुका है परंतु आज भी ये 1000 प्राइवेट बसें हर रोज रोडवेज बसों के आगे-आगे चलकर विभाग को लाखों का चूना लगा रही है। उन्होंने कहा कि यदि ताजा फैसले के अनुसार 700 बसें चलाई गई और पूर्व की एक हजार बसों को नहीं हटाया गया तो परिवहन विभाग का अस्तित्व ही समाप्त हो जाएगा। उन्होंने कहा कि पूर्व के फैसलों को लागू न करने तथा ताजा फैसले के खिलाफ हरियाणा रोडवेज तालमेल कमेटी की शीघ्र ही बैठक बुलाकर आंदोलन की रणनीति पर विचार किया जाएगा।