पंजाब

PM मोदी बोले- फसलों का MSP बढ़ाने के बाद से कांग्रेस को नींद नहीं आ रही—देखें पूरा भाषण

मलोट,
2019 के लोकसभा चुनाव को देखते हुए भारतीय जनता पार्टी ने अपनी कमर कस ली है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुवाई में केंद्र सरकार अब सीधे आम लोगों से जुड़ रही है। इसी कड़ी में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को पंजाब के मलोट में एक बड़ी किसान रैली को संबोधित किया। प्रधानमंत्री ने अपने भाषण की शुरुआत पंजाबी भाषा में की।

लाइव : ‘किसान कल्याण रैली’ मलोट, पंजाब में पीएम मोदी का संबोधन।

रैली में पीएम मोदी ने कहा कि सिख समुदाय आज सीमा की रक्षा हो या फिर खाद्य सुरक्षा हो हर जगह प्रेरणा दी है। पंजाब ने हमेशा खुद से पहले देश के लिए सोचा है। प्रधानमंत्री ने कहा कि पिछले 4 साल में कई बार पंजाब आया हूं और लोगों से मिला हूं।

मोदी ने कहा कि बीते चार साल में किसानों ने देश के अन्न भंडार से भर दिया है, गेंहू-धान-चीनी-कपास-दाल में हर जगह किसानों ने उत्पादन के रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं। किसान लगातार मेहनत करता आ रहा है, लेकिन किसानों पर दशकों तक ध्यान नहीं दिया गया।
पीएम ने कहा कि बीते 70 साल में जिस पार्टी पर किसानों ने भरोसा किया था, उस पार्टी ने किसानों की इज्जत नहीं की। इस दौरान सिर्फ एक परिवार की चिंता की गई। उन्होंने कहा कि हर तरह की सुविधाएं सिर्फ एक परिवार को दी गई और उनके लिए ही काम किया गया। किसानों की मेहनत को दरकिनार किया गया था।

कांग्रेस ने किसानों को दिया धोखा

PM ने कहा कि कांग्रेस ने सिर्फ किसानों को धोखा देने का काम किया है, लेकिन जब से हमारी सरकार आई है तभी से हमने किसान और जवान का ध्यान रखा और उन्हें किए हुए वादों को पूरा किया। उन्होंने कहा कि 40 साल तक कांग्रेस को वन रैंक वन पेंशन लागू करने की हिम्मत नहीं थी, लेकिन हमने किया। हमारी सरकार ने फसलों का दाम लागत से डेढ़ गुना एमएसपी करने का ऐतिहासिक फैसला लिया है।

मोदी ने कहा कि कई फसलों के MSP इतने बढ़ा दिए गए हैं जिससे लागत का 150 प्रतिशत मूल्य मिलना तय है। उन्होंने कहा कि कई फसलों पर अभी तक जितना भाव सरकार से मिलता था, अब करीब 1100 रुपए ज्यादा मिल सकेंगे। उन्होंने कहा कि अब एक क्विटंल धान पर लागत 1150 रुपए आती है और समर्थन मूल्य 1750 कर दिया गया है। अब किसानों को सीधे 50 फीसदी का लाभ तय है।
उन्होंने कहा कि मक्के दी रोटी और सरसों का साग दुनिया में ब्रांड पंजाब है, मक्के के एमएसपी में पौने तीन सौ रुपए की बढ़ोतरी की गई है। उन्होंने कहा कि जब से हमने ये फैसला लिया है तभी से कांग्रेसियों और उनके सहयोगियों की नींद उड़ी हुई है। उन्हें ये समझ नहीं आ रहा कि जिस फाइल को वो दबाए हुए थे, वो इस सरकार ने पूरी कैसे कर दी? यही कारण है कि वो अब नई-नई अफवाहें और कुतर्क गढ़ने में जुटे हैं। ये कितनी भी कोशिश कर लें हमारे इरादे इससे और मज़बूत होंगे।

2022 तक दोगुनी करेंगे किसानों की आय
PM ने कहा कि हमारी सरकार 2022 तक किसानों की आय दोगुनी करने के लिए प्रतिबद्ध है। देश में अभी तक 15 करोड़ से ज्यादा #SoilHealthCard वितरित किए जा चुके हैं। उन्होंने कहा कि बीज से बाजार तक एक व्यापक रणनीति के तहत कार्य किया जा रहा हैं, फसल की तैयारी से लेकर बाजार में बिक्री तक आने वाली हर समस्या के समाधान के लिए एक के बाद एक कदम उठाये जा रहे हैं।

उन्होंने कहा कि एक दौर वो था जब यूरिया किसानों के बजाय दूसरी जगहों पर पहुंच जाता था। किसानों को यूरिया के लिए लाठी खानी पड़ती थी। लेकिन यूरिया की 100% नीम कोटिंग कर हमने इस बेईमानी को रोका और आज पर्याप्त मात्रा में यूरिया आपको उपलब्ध हो रहा है।

पराली ना जलाएं किसान
प्रधानमंत्री ने इस दौरान किसानों से पराली जलाने का मुद्दा उठाया। उन्होंने अपील करते हुए कहा कि किसान पराली ना जलाएं और नई मशीनों का उपयोग करें। इसके लिए सरकार पैसों की मदद भी कर रही है। उन्होंने कहा कि किसान अगर पराली नहीं जलाएंगे तो खाद के खर्चे में भी कमी आएगी। पंजाब सरकार को पराली से जुड़े कामों में तेजी लानी चाहिए।

अकाली को मनाने की हुई कोशिश!
इस रैली में प्रधानमंत्री के साथ अकाली दल के प्रमुख और पूर्व मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल और पूर्व डिप्टी सीएम सुखबीर बादल भी मंच पर मौजूद रहे। इसके अलावा हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर भी मौजूद रहे। इन सभी के अलावा पंजाब बीजेपी और अकाली दल के नेता भी रहे।

अकाली दल ने कुछ दिन पहले बीजेपी को लेकर कुछ तल्खी के संकेत दिए थे। माना जा रहा है कि पीएम के साथ मंच साझा करने से अकाली नेताओं की ये तल्खी कम होगी। इस रैली के जरिए पीएम मोदी पंजाब, हरियाणा और राजस्थान के एक लाख किसानों को सीधा संदेश देंगे।

रैली में राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री सुखबीर सिंह बादल ने प्रधानमंत्री मोदी का एमएसपी बढ़ाने के लिए धन्यवाद किया। इसके अलावा उन्होंने मांग करते हुए कहा कि मोदी सरकार को 1984 में हुए सिख दंगों के आरोपियों को जल्द से जल्द सजा दिलवानी चाहिए।

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