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KG की बच्चियों से मिलने पहुंचे केजरीवाल व सिसोदिया, आधे घंटे तक की बातचीत

नई दिल्ली,
मंगलवार को पुरानी दिल्ली के राबिया गर्ल्स पब्लिक स्कूल में फीस ना दे पाने वाले बच्चों को कई घंटों के लिए बंद रखे जाने की कथित घटना के बाद आज दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने बच्चियों और उनके अभिभावकों से स्कूल में जाकर मुलाकात की।

ये मुलाकात लगभग आधे घंटे चली। मुलाकात के बाद मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि सरकार ने इस घटना में जांच के आदेश दे दिए हैं और दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्यवाही की जाएगी।

राबिया स्कूल में मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री के दौरे के समय स्कूल की ऊपरी कक्षाओं की लड़कियों ने स्कूल के बाहर हाथों में पोस्टर लेकर स्कूल के समर्थन में मार्च निकाला। वहीं कई स्थानीय लोग स्कूल के खिलाफ खड़े नजर आए।

स्कूल पहले भी कर चुका है ऐसी हरकत
स्थानीय लोगों का आरोप है कि स्कूल पहले भी कई बच्चों के अभिभावकों को प्रताड़ित करता रहा है। इसी के साथ पुराने छात्र और बड़ी कक्षाओं के बच्चे स्कूल के समर्थन में खड़ हो गए हैं। उनका कहना है कि यह स्कूल को बदनाम करने के लिए एक बड़ी साजिश का हिस्सा है।

स्कूल की मान्यता रद्द करने की सिफारिश
वहीं दिल्ली बाल संरक्षण अधिकार आयोग यानी (DCPCR) ने भी इस मामले में एक जांच समिति गठित की थी जिसकी रिपोर्ट आज आ सकती है। 3 सदस्य DCPCR की इस रिपोर्ट के बाद विभाग स्कूल प्रशासन को शोकॉज नोटिस जारी करेगा। सूत्रों का कहना है कि अगर पूरी इंक्वायरी के दौरान स्कूल का दोष साबित होता है तो ऐसे में बाल संरक्षण अधिकार आयोग दिल्ली सरकार से राबिया स्कूल की मान्यता को रद्द करने की सिफारिश भी कर सकता है।

दिल्ली महिला आयोग ने भी इस मामले में दिल्ली पुलिस को नोटिस भेजकर रिपोर्ट तलब की है। बुधवार को मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने भी शिक्षा विभाग के अधिकारियों को इस मामले से जुड़ी रिपोर्ट लेकर तलब किया था। इस बीच दिल्ली महिला आयोग ने पूरे प्रकरण पर दिल्ली पुलिस और शिक्षा विभाग को नोटिस जारी किया है। आयोग ने पुलिस और शिक्षा विभाग से घटना से संबंधित सारे तथ्य और उनके द्वारा की गई कार्रवाई की जानकारी मांगी है। संबंधित विभागों से 17 जुलाई तक अपना जवाब दाखिल करने को कहा गया है।

क्या है पूरा मामला
रिपोर्ट्स के अनुसार, अभिभावकों का आरोप है कि छात्राओं को सुबह 7.30 बजे से ही स्कूल के बेसमेंट में रखा गया था। छुट्टी के समय जब बच्चियां बाहर नहीं निकलीं तो अभिभावकों को इसकी जानकारी मिली। पैरेंट्स ने ये भी आरोप लगाया है कि बच्चों को पांच घंटों तक कुछ खाने-पीने को भी नहीं दिया गया।

अभिवावकों की ओर से हंगामा किए जाने के बाद उन्हें बताया गया कि बच्चों को बेसमेंट में बंद कर दिया गया है और उनकी अनुपस्थिति मार्क कर दी गई है क्योंकि स्कूल मैनेजमेंट को उनकी फीस प्राप्त नहीं हुई थी।

वहीं कई पैरेंट्स का कहना है कि उन्होंने फीस जमा कर दी है। हालांकि स्कूल प्रबंधन इससे इंकार कर रहा है और उनका कहना है कि स्कूल के डेटाबेस में यह जानकारी उपलब्ध नहीं है। पुलिस ने इस मामले में एफआईआर दर्ज कर ली है। दिल्ली पुलिस ने स्कूल फीस का भुगतान नहीं करने पर केजी के छात्रों को बेसमेंट में बंद करने को लेकर एक स्कूल के खिलाफ मामला दर्ज किया है।

वहीं मामले को बढ़ता देख स्कूल प्रिंसिपल ने आरोपों का खंडन किया। प्रिंसिपल का कहना है कि बेसमेंट सजा देने का स्थान नहीं है और यह एक एक्टिविटी रूम है जहां बच्चे खेलते हैं और उन्हें म्यूजिक सिखाया जाता है। यह एक क्लासरूम की तरह ही है।

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