नई दिल्ली,
राजधानी दिल्ली में कचरा प्रबंधन को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने उपराज्यपाल अनिल बैजल से स्टेटस रिपोर्ट मांगी है। गुरुवार को एलजी की ओर से सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दिया गया। LG की ओर से कहा गया है कि कचरा प्रबंधन के लिए निगम जिम्मेदार है, हम इसपर लगातार बैठक कर रहे हैं। उन्होंने इसके लिए आर्टिकल 239AA का हवाला दिया। हालांकि, सुप्रीम कोर्ट इससे संतुष्ट नहीं दिखा। सबसे बड़ी अदालत की ओर से कहा गया कि आप 25 बैठक करते हैं या 50 कप चाय पीते हैं, इससे हमें मतलब नहीं है।
सुनवाई के दौरान LG की ओर से हलफनामे में कहा गया कि पूर्वी दिल्ली में गाजीपुर, दक्षिणी दिल्ली में ओखला और उत्तरी दिल्ली में भलस्वा लैंडफिल साइट्स हैं। उपराज्यपाल अपने स्तर पर लगातार बैठकें कर रहे हैं।
इस पर सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार से पूछा है कि हमें एक्शन की टाइमलाइन बताएं, 25 बैठक हुई हैं या 50 कप चाय पी है इससे हमें मतलब नहीं। आप एलजी हैं, आपने बैठक की है इसलिए हमें टाइमलाइन और स्टेटस रिपोर्ट दें। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हर मामले में मुख्यमंत्री को मत घसीटिए, आपको सिंपल अंग्रेजी में ये बताना है कि कूड़े के पहाड़ कब हटेंगे।
याचिकाकर्ता की ओर से कहा गया है कि बैठक में तय हुआ था कि रोजाना दो बार सफाई होगी, जो भी अधिकारी इसके लिए जिम्मेदार हैं उनके नाम वेबसाइट पर होना चाहिए। इसके लिए सजा का प्रावधान भी होना चाहिए। याचिकाकर्ता ने कहा कि सफाई से संबंधित बैठक में ना तो उपराज्यपाल खुद आए और ना ही अपना कोई नुमाइंदा भेजा। इस पर कोर्ट ने व्यंग्यात्मक लहजे में कहा कि और ये कहते हैं कि I AM THE SUPERMAN.
इस पर कोर्ट ने कहा कि हलफनामे में एलजी ने अधिकार और जिम्मेदारी की बात की है, कचरा और सफाई के मामले में उनकी जिम्मेदारी है या नहीं? कोर्ट के इस कड़े रुख पर सरकार की ओर से ASG पिंकी आनंद ने कहा कि हां, एलजी को डायरेक्शन जारी करने का अधिकार है। जिसपर कोर्ट ने जवाब मांगा है कि ये बताएं कि अभी तक उन्होंने कितने अधिकार जारी की है।