भिवानी,
ग्राम पंचायत धनाना-प्रथम की सरपंच को वित्तीय हानि का दोषी पाते हुए उपायुक्त अशंज सिंह ने सरपंच को पदमुक्त कर दिया है। उक्त सरपंच के पास पंचायत की जो भी चल-अचल सम्पत्ति, धन राशि, रिकार्ड व अन्य सम्पत्ति है, उसे सम्बंधित ग्राम सचिव तुरंत अपने चार्ज में लेकर बहुमत रखने वाले पंच को सौंप देने के आदेश दिए हैं। ग्राम धनाना प्रथम के सुरेश, बलवान, धर्मपाल, सज्जन,दिनेश नंबरदार व राजकुमार शर्मा, राजेश ने उपायुक्त को शिकायत में आरोप लगाया था कि गांव धनाना प्रथम की सरपंच सुनीता देवी ने राजेंद्र पुत्र रिसाल से बस स्टैंड धनाना तक नाला निर्माण में एम.बी.अनुसार 4 हजार नई ईंटे दिखाकर गबन किया।
इसके अलावा सरपंच द्वारा 9 आर.सी.सी.पाईप स्टॉक रजिस्टर में दर्शाई गई जगह पर नहीं लगवाए और ना ही ग्राम पंचायत का प्रस्ताव पारित किया गया,जिसके लिए सरपंच दोषी है। इसके अलावा सरपंच द्वारा पंचायत के स्टॉक रजिस्टर के साथ छेड़छाड़ किया गया। आरोप लगाया गया है कि सरकार की ई टैण्डर प्रक्रिया बारे दिशा निर्देशों को बाइपास करके 410 पाईप की खरीद दो अलग-अलग बिलों से जानबूझकर की गई है तथा उक्त पाईपों की अधिक अदायगी करके राशि का गबन किया है।
उक्त कार्य पांच लाख की राशि से अधिक का था तथा आप द्वारा उक्त कार्य ई टैण्डर प्रक्रिया से नहीं करवाया। उपायुक्त ने शिकायत पर संज्ञान लेते हुए हरियाणा पंचायती राज एक्ट 1994 की धारा 51(3)(ड़) के तहत अतिरिक्त उपायुक्त भिवानी को जांच अधिकारी नियुक्त किया गया। उक्त सरपंच को मुख्य कार्यकारी अधिकारी, जिला परिषद भिवानी की जांच रिपोर्ट दिनांक 2-7-2018 के आधार पर इस कार्यालय द्वार कारण बताओ नोटिस जारी किया गया था। उक्त सरपंच द्वारा दिनांक 13-7-2018 को व्यक्तिगत तौर पर उपस्थित होकर कारण बताओ नोटिस का जवाब दिया गया तथा अवलोकन उपरांत जवाब संतोषजनक नहीं पाया गया। रिपोर्ट के आधार पर सरपंच सुनीता देवी को पद से निलंबित करते हुए किसी भी बैठक में भाग लेने से रोक लगाई जाती है।