आदमपुर (अग्रवाल)
विकास कार्यों में प्रयोग होने वाली निर्माण सामग्री की ई-टैंडरिंग के जरिए खरीद को लेकर शुक्रवार को खंड सरपंचों ने बैैठक कर रोष जताया और सरकार की ई-टैंडरिंग नीति के खिलाफ नारेबाजी की। इस संबंध में आदमपुर खंड की सरपंच एसोसिएशन की बैठक प्रधान दलीप सिंह मंडेरना की अध्यक्षता में आयोजित की गई।
बैठक में सरपंचों ने विभिन्न मांगों व समस्याओं को लेकर विचार-विमर्श किया। सरपंचों ने मांग की कि ई-टैैंडरिंग प्रक्रिया को लागू नहीं किया जाए। पहले भी सरकार ई-प्रणाली लागू करके देख चुकी है, जिसका कोई फायदा नहीं हुआ। उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा निर्माण सामग्री के लिए नई नीतियां बनाई गई हैं, जो गांव के विकास के विरुद्ध हैं। इन नीतियों के लागू होने से गांव के विकास कार्यों में बहुत बाधाएं आएंगी। सभी आदमपुर ब्लाक एसोसिएशन के सरपंच इन नीतियों को लागू करवाने का पूर्ण रूप से विरोध करते हैं। उन्होंने मांग की कि जनता के हित व गांव के विकास के लिए इन नीतियों को लागू नहीं किया जाए। सरपंचों ने चेतावनी दी कि यदि 15 अगस्त तक इस नीति को वापस नहीं लिया गया तो सरपंच ब्लॉक स्तर पर धरने के अलावा जिला व प्रदेश स्तर पर आंदोलन करेंगे।
मानदेय नही मान-सम्मान चाहिए
आदमपुर मंडी सरपंच सुभाष अग्रवाल ने कहा कि सरकार सरपंचों को मानदेय के नाम पर 3,000 रुपये देती है, लेकिन उन्हें मानदेय नही मान-सम्मान चाहिए। उन्होंने कहा कि सरकार की ओर से ग्रांट नही दी जा रही है तथा मनरेगा के पक्के के पैसे भी नही आ रहे है। अगर सरकार ने ध्यान नही दिया तो वे आगे से मानदेय के रुपये भी नहीं लेंगे।
इसके अलावा सरपंचों ने कहा कि वे 5 अगस्त को बरवाला में होने वाली कपास किसान रैली का बहिष्कार करेंगे तथा आदमपुर क्षेत्र का कोई भी पंचायत सदस्य रैली में नही जाएंगे। मांगों व समस्याओं को लेकर शनिवार को हिसार में होने वाली बैठक में जिले के सभी खंडों के सरपंच भाग लेंगे।
इस मौके पर अंतर सिंह ज्याणी, प्रीतम सिंह, धर्मसिंह काबरेल, सुरेंद्र घुड़साल, प्रीतम तेलनवाली, चंद्रशेखर जाजूदा, सुभाष टाडा, कृष्ण कोहली, अशोक कुमार, कमलेश सैनी, जगदीश खैरमपुर, घीसाराम सीसवाल, अश्विनी यादव, दुर्गेश कुमार, रामप्रसाद आदि सरपंच मौजूद रहे।