सिरसा

भाजपा सरकार आढ़तियों को बर्बाद करने की रच रही है साजिश—बजरंग दास गर्ग

सिरसा,
हरियाणा प्रदेश व्यापार मंडल के प्रांतीय अध्यक्ष एवं अखिल भारतीय व्यापार मंडल के राष्ट्रीय महासचिव बजरंग दास गर्ग ने व्यापारी व उद्योगपतियों की समस्या सुनने के उपरांत एक निजी रेस्तरां में पत्रकार वार्ता की। पत्रकार वार्ता में उनके साथ हरियाणा कॉटन जिनर्स एसोसिएशन के प्रदेशाध्यक्ष सुशील मित्तल, हरियाणा प्रदेश व्यापार मंडल के प्रदेश महासचिव एवं जिलाध्यक्ष हीरालाल शर्मा भी मौजूद रहे।
बजरंग गर्ग ने पत्रकारों से रू-ब-रू होते हुए कहा कि मुख्यमंत्री हरियाणा मनोहर लाल खट्टर की तरफ से कपास रैली व मीडिया के माध्यम से सरकार की उपलब्धियां गिनाना महज झूठ का पुलिंदा है। हकीकत तो यह है कि भाजपा सरकार में व्यापारी व उद्योगपति लूटा है और किसान पीसा है। केंद्र व प्रदेश सरकार व्यापार व उद्योग को बढ़ावा देने व किसानों को फसल के उचित दाम देने की बात कर रही है, मगर सच्चाई उससे कोसों दूर है।
गर्ग ने कहा कि हरियाणा सरकार व्यापारी व किसान को रियायतें देने की बजाए कपास पर मार्केट फीस 80 पैसे से बढ़ाकर 2 रुपये करके कॉटन उद्योग व किसानों को बर्बाद करने पर तुली हुई है। हरियाणा सरकार की ओर से कपास पर मार्केट फीस 2 रुपये से घटाकर पहले की तरह 80 पैसे 1 अगस्त 2016 से करने के घोषणा करने के बावजूद भी 2 साल में अभी तक कम नहीं की।
इतना ही नहीं सरकार कपास की एमएसपी 5150 रुपये करके किसान को लूटना चाहती है। जबकि 1 साल से किसान की कपास खुले बाजार में 5900 रुपए क्विंटल के हिसाब से बिक रही है। सरकार व्यापारी व किसानों की हित में कार्य ना करके अपनी विफलता को छुपाने के लिए प्रदेश में जगह-जगह रैलियां करके करोड़ों रुपए खर्च करके जश्न बना रही है। गर्ग ने यह भी कहा कि सरकार की गलत नीतियों व कपास पर मार्केट फीस में बढ़ोतरी करने के कारण प्रदेश का उद्योगपति हरियाणा से पलायन करके पड़ोसी राज्य राजस्थान में उद्योग लगा रहे हैं। यहां तक की 20 जीनर मील हरियाणा से पलायन करके हरियाणा राजस्थान के बॉर्डर में स्थापित हो चुकी है।
केंद्र सरकार ने अधिसूचना जारी करके नरमा पर आढ़तियों को आढ़त ना देने का फरमान राज्य सरकारों को भेजा है, जबकि राजस्थान सरकार ने नरमा पर आढ़त ना देने का भी निर्णय ले लिया। यह फैसला पूरी तरह देश के व्यापारियों के विरोध में है। उन्होंने कहा कि सरकार ने मार्केट बोर्ड बनाकर जगह-जगह अनाज मंडियां बनाई हुई है। मगर आढ़तियों को काम करने पर कमीशन नहीं मिलेगा, तो आढ़ती अनाज मंडी में व्यापार करके क्या करेगा। केंद्र सरकार को नरमा पर आढ़त ना देने के निर्णय को तुरंत प्रभाव से वापस ले लेना चाहिए और राज्य सरकार को झूठी घोषणाएं करने की बजाय अपने वादे के अनुसार कपास पर मार्केट फीस 80 पैसे करके प्रदेश के किसान, मिलर व आढ़तियों को राहत देने का काम करना चाहिए।
गर्ग ने कहा कि हरियाणा सरकार ने 18 महीने पहले से प्रदेश में टेक्सटाइल हब बनाने की घोषणा की गई है, जो कि अभी तक इस पर को काम शुरू नहीं हुआ है। जब तक कॉटन उद्योग को सुचारू रूप से चलाने के लिए सरकार सुविधा नहीं देगी, तब तक हरियाणा में टेक्सटाइल हब कामयाब नहीं हो सकता। टेक्सटाइल हब को कामयाब करने के लिए कॉटन उद्योग को बढ़ावा देना बहुत जरूरी है।
इस मौके पर हरियाणा कॉटन एंड जीनर एसोसिएशन के प्रधान सुशील मित्तल, व्यापार मंडल प्रदेश महासचिव व जिला प्रधान हीरालाल शर्मा, प्रदेश उपप्रधान आनंद बियानी, प्रदेश संगठन मंत्री राजकरण भाटिया, शहरी प्रधान केदार पहावा, जिला महामंत्री जयप्रकाश बोलू सरिया, जिला उपप्रधान अंजनी कनोडिया, जिला उपप्रधान देवेंद्र सोनी, बजरंग लाल, सुभाष शेरपुरा वाले, संरक्षक सुमेर चंद गर्ग, जिला प्रधान गुरु चरण गर्ग, सुरेश गोयल, सुभाष गोयल, अमरनाथ, देवेंद्र गुप्ता, पवन गांधी आदि व्यापारी नेता भी मौजूद रहे।

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Jeewan Aadhar Editor Desk

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