हिसार,
जिला में नशे का नेटवर्क तोडऩे के लिए उपायुक्त अशोक कुमार मीणा ने खुद कमान संभाल ली है। उनकी अध्यक्षता में एक कमेटी का गठन किया गया है जिसमें शामिल अधिकारियों पर सार्थक परिणाम लाने की जिम्मेदारी रहेगी। अतिरिक्त उपायुक्त अमरजीत सिंह मान को कमेटी का नोडल अधिकारी बनाया गया है जो अभियान की साप्ताहिक समीक्षा करेंगे। अभियान की प्रगति की मासिक समीक्षा खुद उपायुक्त करेंगे।
आज जिला सभागार में आयोजित एक बैठक के दौरान उपायुक्त अशोक कुमार मीणा ने बताया कि सिरसा व फतेहाबाद के बाद हिसार जिला में भी नशे का नेटवर्क तेजी से पनप रहा है जोकि एक गंभीर विषय है। उन्होंने सख्त निर्देश देते हुए कहा कि पुलिस विभाग, जिला समाज कल्याण विभाग, स्वास्थ्य विभाग, शिक्षा विभाग तथा जिला रेड क्रॉस सोसायटी मिलकर काम करें और नशे के कारोबार को पूरी तरह से ध्वस्त करने की पुख्ता योजना बनाएं। उन्होंने अधिकारियों को सबसे पहले जिला के संवेदनशील इलाकों की पहचान करने तथा इन क्षेत्रों में नशे में लिप्त व्यक्तियों तथा इसके कारोबार में लगे लोगों का डाटा बेस तैयार करने के निर्देश दिए।
उन्होंने कहा कि सभी नशा मुक्ति केंद्रों में इलाज करवा रहे व्यक्तियों की मेडिकल हिस्ट्री सहित उनके आपराधिक पृष्ठïभूमि का भी रिकॉर्ड तैयार किया जाए। नशे में लिप्त व्यक्ति धीरे-धीरे अपराध की दिशा में चल पड़ता है जिसके कारण इनका नशे के कारोबारियों के साथ व्यवसायिक संबंध भी बन जाता है। इसलिए नशे के जाल को तोडऩे के लिए यह डाटा महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।
उन्होंने गत एक वर्ष के दौरान पोक्सो, पीएनडीटी व एनडीपीएस एक्ट के सभी मामलों की समीक्षा करके उन मामलों की सूची तैयार करने का निर्देश दिए जिनमें दोषी व्यक्ति सजा से बच गए हैं। उन्होंने इन सभी मामलों की समीक्षा करके जांच अधिकारी व सरकारी वकील की भूमिका की भी गहन जांच करने के निर्देश दिए जिससे यह पता चल सके कि उनकी किस कमी के कारण दोषी व्यक्ति सजा पाने से बच गए। उन्होंने संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिए कि वे नशा मुक्ति अभियान के तहत सभी अधिकारियों, विशेषकर जांच अधिकारी, सरकारी अधिवक्ता व स्वयंसेवी संस्थाओं के नुमाइंदों की एक कार्यशाला आयोजित करके उन्हें संबंधित कानून व नियमों सहित नशे से संबंधित सभी पहलुओं की विस्तृत जानकारी दी जाए। यदि इस कार्यशाला के पश्चात भी किसी जांच अधिकारी अथवा सरकारी अधिवक्ता की लापरवाही के कारण यदि कोई नशा कारोबारी कानून के हाथों से बच जाता है तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। एक बार कानून के हाथों से बचने के बाद अपराधियों के हौसले बुलंद हो जाते हैं और वे और गंभीर अपराधों को अंजाम देने की हिम्मत करने लगते हैं।
उन्होंने कहा कि जिला को नशे के मकडज़ाल से बचाने के लिए समाज के सभी वर्गों, विभिन्न विभागों व स्वयंसेवी संस्थाओं को मिलकर एक कड़ी के रूप में काम करना होगा तथा नशा व्यापारियों के इस तंत्र को जड़-मूल से खत्म करना होगा। यदि हम समय रहते ऐसा नहीं कर पाए तो हमारी वर्तमान युवा पीढ़ी खोखली होकर पूरी तरह से दिशाहीन हो जाएगी जिसका खामियाजा पूरे समाज को भुगतना पड़ेगा। उन्होंने पुलिस अधिकारियों को भी चेतावनी देते हुए कहा कि यदि उन्होंने नशा मुक्ति अभियान को संजीदगी से नहीं लिया चोरी, दुष्कर्म और अन्य अपराध काबू से बाहर हो जाएंगे। इसलिए पुलिस नशे के कारोबारियों के खिलाफ प्राथमिकता के आधार पर कार्रवाई करे।
उपायुक्त ने समाज के सभी लोगों से भी अपील करते हुए कहा कि वे नशे की गिरफ्त में आए व्यक्तियों को अपराधी की नजर से नहीं बल्कि एक मरीज की तरह देखें जिसे सभी के सहयोग व इलाज की आवश्यकता है। ऐसे लोगों को नशे से मुक्ति के इलाज के साथ-साथ समाज की मुख्य धारा में भी लाने की आवश्यकता है। इसके लिए उन्हें खेल व अन्य रचनात्मक गतिविधियों की तरफ मोडऩा जरूरी है। जो नशे को छोड़ चुके हैं उन्हें रोजगार के अवसर उपलब्ध करवाने के लिए कौशल विकास की गतिविधियों से जोड़ा जाए ताकि वे कार्य करने में सक्षम हो सके। उन्होंने प्रशासनिक अधिकारियों से भी इस बाबत एक माह तक सघन अभियान चलाकर इस दिशा में सार्थक परिणाम लाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि प्रशासन द्वारा जिला स्तर पर एक कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा जिसमें नशा मुक्ति की दिशा में उत्कृष्टï कार्य करने वाले नागरिकों व अधिकारियों को सम्मानित किया जाएगा।
उन्होंने सीएमजीजीए राधिका सिंघल को भी एक मोबाइल एप विकसित करवाने के निर्देश देते हुए कहा कि इस एप के माध्यम से लोग घर बैठे ही नशा मुक्ति अभियान में अपना सहयोग कर सकेंगे। इस एप के माध्यम से लोग अपने आसपास चल रहे नशे के कारोबार, नशे में लिप्त व्यक्तियों की सूचना देने के साथ-साथ महत्वपूर्ण सुझाव भी दे सकेंगे। इसके अलावा नशे से संबंधित नेटवर्क को तोडऩे के लिए अन्य गतिविधियां संचालित करने के संबंध में भी उन्होंने अधिकारियों को व्यापक दिशा-निर्देश दिए।
मुख्यमंत्री के अतिरिक्त प्रधान सचिव के चंडीगढ़ कार्यालय से आए डॉ. जीएल सिंघल ने सिरसा, फतेहाबाद व हिसार जिलों में फैले नशे के नेटवर्क की विस्तृत जानकारी अधिकारियों को दी। उन्होंने हिसार शहर व जिला के उन सभी स्थानों और गांवों के बारे में जानकारी दी जहां एक साल में नशीली वस्तुओं के कारोबार में कई गुणा बढ़ोतरी हुई है। उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री मनोहर लाल नशे के नेटवर्क को तोडऩे और इसके समूल खात्मे के लिए कृत संकल्प हैं तथा इस दिशा में उन्होंने कई राज्यों के साथ आपसी सहयोग का एक मंच भी तैयार किया है।
उन्होंने कहा कि हम सोच भी नहीं सकते हैं कि जिला में नशे का कारोबार किस तेजी से अपने पैर पसार रहा है। उन्होंने नशीली वस्तुओं के प्रकार, नशे की विभिन्न श्रेणियों व इसके कारोबार से जुड़े लोगों के बारे में महत्वपूर्ण जानकारियां दीं। उन्होंने कहा कि अपने सूचना तंत्र को मजबूत करके, स्कूल-कॉलेज, विश्वविद्यालयों व अन्य शिक्षण संस्थाओं के आसपास सुरक्षा व्यवस्था को बढ़ाकर, निरंतर रेड करके तथा दोषियों को कड़ी सजा दिलवाकर नशे के नेटवर्क को खत्म किया जा सकता है। उन्होंने अधिकारियों से कहा कि नशे के खात्मे के लिए यदि हम आज खड़े नहीं हुए तो हमारी भावी पीढिय़ां खराब हो जाएंगी। इसलिए नशे को खत्म करने की हम सबका सामूहिक दायित्व है।
बैठक में एसडीएम परमजीत सिंह, सीटीएम शालिनी चेतल, सीएमजीजीए राधिका सिंघल, जिला समाज कल्याण अधिकारी डॉ. डीएस सैनी, सिविल सर्जन डॉ. दयानंद, डॉ. विनोद डुडी, महिला एवं बाल विकास विभाग की कार्यक्रम अधिकारी डॉ. पूनम रमन, डीईओ बलजीत सिंह, जिला रेड क्रॉस सोसायटी सचिव रविंद्र लोहान, अन्वेषक नरेश बत्तरा व डीएसपी दलजीत सिंह सहित अन्य विभागों के अधिकारी व कर्मचारी भी मौजूद थे।