हिसार

लोकतांत्रिक अधिकारों पर खुला आक्रमण कर रही है सरकार- कामरेड गोरखपुरिया

हिसार,
किसान मजदूर एकता मंच के प्रधान कामरेड कृष्ण स्वरूप गोरखपुरिया ने प्रदेश सरकार द्वारा रोडवेज और स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारियों की हड़ताल पर पाबंदी लगाने के फैसले की कड़े शब्दों में निंदा की है। कर्मचारियों के धरने को संबोधित करते हुए कामरेड गोरखपुरिया ने इसे लोकतांत्रिक अधिकारों पर खुला आक्रमण करने की संज्ञा दी।

उन्होंने सरकार से एस्मा कानून के तहत लगाई गई पाबंदी को वापस लेने की मांग करते हुए रोडवेज और स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारियों की जायज मांगों को स्वीकार करने का आग्रह किया। इसके साथ ही उन्होंने सभी विपक्षी पार्टियों, जनसंगठनों और जनवादी नेताओं से भी अपील की कि इन फासिस्ट कदमों का संयुक्त रूप से प्रतिरोध करें, क्योंकि मोदी सरकार अपने गत 50 माह के शासन में पूर्णत: नंगी हो चुकी है और उसके सभी चुनावी वादे और काम चाहे कालाधन वापस व 15 लाख रूपए हर खाते में में जमा करवाने या दो करोड़ युवाओं को हर वर्ष रोजगार व नोटबंदी से काला धन, भ्रष्टाचार व आतंकवाद खत्म करने जैसी सभी बातें हवाई साबित हुई।

उन्होंने कहा कि भारत धीरे धीरे आपातकाल से आगे बढक़र आतंककाल की तरफ बढ़ रहा है। विगत चार वर्षों में सैंकड़ों निर्दोष लोगों को भीड़वादी हिंसा का शिकार होना पड़ा है और अनेकों सामाजिक कार्यकर्ताओं व मान अधिकारों के पहरेदारों को फासिस्ट लोगों द्वारा मार दिया जाता रहा है। दो दिन पूर्व पांच विख्यात विद्वानों और सामाजिक कार्यकर्ताओं की गिरफ्तारियों ने देश की लोकतांत्रिक संस्थाओं के सम्मुख गंभीर चुनौती प्रस्तुत की है। जिसका संज्ञान माननीय सर्वोच्च न्यायालय ने भी लिया है। कामरेड गोरखपुरिया ने कहा कि लोग अब भाजपा पर विश्वास नहीं कर रहे हैं। इसलिए भाजपा सरकार देश में भय का माहौल बनाकर आतंक पैदा करके आगामी 2019 के चुनाव जीतने के सपने देख रही है। लेकिन अब जन आक्रोश को देखते हुए मोदी सरकार का जाना तय लग रहा है।

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