आदमपुर (अग्रवाल)
बेटियों के सपनों को कामयाबी के पंख देने के उददेश्य से राज्यसभा सांसद डाॅ सुभाष चंद्रा ने सच विजया नेशनल गर्ल्ज स्काॅलरशीप प्रोग्राम की शुरुआत की है। प्रोग्राम की लांचिंग को लेकर आदमपुर के गर्वनमेंट सीनियर सैकेंडरी स्कूल के परिसर में समारोह हुआ, जिसमें खुद राज्य सभा सांसद डाॅ सुभाष चंद्रा ने बतौर मुख्यातिथि शिरकत की। सांसद आदर्श ग्राम योजना के तहत गोद लिए गए आदमपुर हलके के छह गांवों की बेटियों को पहले चरण में योजना का फायदा मिला है। निर्धारित मापदंडो को पूरा करने वाली कक्षा नौंवी, ग्याहरवीं और बीए प्रथम वर्ष की 100 (सौ ) छात्राओं को अलग-अलग कैटेगरी के हिसाब े स्काॅलरशिप प्रदान की गई। स्कूल में आयोजित कार्यक्रम के दौरान बेटियों ने सांस्कृतिक प्रस्तुतियां भी पेश की। अपने संबोधन में राज्यसभा सांसद डा सुभाष चंद्रा ने कहा कि देश में महिला सशक्तिकरण को लेकर बडी-बडी बातें सभी करते है, लेकिन मजा तब है जब धरातल पर भी वैसा काम किया जाए। उन्होंने कहा कि शिक्षा जीवन का मुख्य आधार है, अगर हमने उस आधार को मजबूत कर दिया तो आगे भविष्य अपने आप बन जाता है। इसलिए अपने बच्चों को शिक्षित बनाएं, ताकि उनकी सोच बदल सके और वो समाजहित में अपना योगदान दे पाएं।
सच फाउंडेशन के मुख्य अधिकारी अनूप पांडेय ने बताया कि योजना की शुरुआत का मुख्य कारण यहीं है कि कोई भी बेटी आर्थिक दिक्कत के कारण पढ़ाई से वंचित ना रहे। कार्यक्रम के दौरान हिसार के एडीसी अमरजीत मान, जिला शिक्षा अधिकारी बलजीत सिंह सहरावत, खंड शिक्षा अधिकारी वेद प्रकाश दहिया के अलावा सच फाउंडेशन के मुख्य अधिकारी अनूप पांडेय, स्कूल प्रिंसिपल और स्टाॅफ सदस्य भी मौजूद रहे। सच फाउंडेशन के मुख्य अधिकारी अनूप पांडेय ने बताया कि फाउंडेशन ने तीन चरणों में इस अभियान को रखा है। इसके तहत नौंवी की छात्रा को नौंवी-दसवी की पढाई के लिए 75 सौ रुपये, 11वीं की छात्रा को 11वीं और 12वीं की पढाई के लिए दस हजार रुपये और बीए प्रथम वर्ष की छात्रा को द्वितीय और तृतीय वर्ष के दस हजार रुपये सालाना मिलेंगे। वहीं कार्यक्रम में पहुंचे हिसार के एडीसी अमरजीत मान, जिला शिक्षा अधिकारी बलजीत सहरावत ने भी योजना की प्रशंसा की। उन्होंने कहा कि फाउंडेशन की इस योजना के दूरगामी परिणाम सामने आएंगे।
आर्थिक कमजोरी, सपनों का कमजोर ना करे- डाॅ चंद्रा
राज्यसभा सांसद डाॅ सुभाष चंद्रा ने कहा कि वो चाहते है कि किसी बेटी के सपने आर्थिक कमजोरी के चलते दम ना तोडे। उनके सपनों को पंख लगे और वो परिवार की आर्थिक कमजोरी के चलते पढाई से वंचित ना रहे। इसलिए उन्होंने सच विजया नेशनल गर्ल्ज स्कोलरशीप स्कीम की शुरुआत करते हुए एक छोटा सा प्रयास किया है। योजना के मुताबिक उन बेटियों को उन बेटियों को सच फाउंडेशन की तरफ से स्काॅलरशीप प्रदान किया जाया करेगी, जो पढ़ाई के मामले में अव्वल है, साथ ही कहीं ना कहीं इनकी प्रतिभा का डंका भी बजता है। लेकिन परिवार की आर्थिक हालत वैसी नहीं है, जैसी एक समृद्ध परिवार की होती है। आर्थिक मजबूरी के चलते कहीं बेटियों की पढ़ाई का सफर अधूरा ना रह जाये, इसीलिए उनकी तरफ से यह छोटा सा प्रयास किया गया है। जल्द ही योजना को पूरे देश में लागू किया जाएगा।
क्यों पडी जरुरत, आंकडे है चौकान्ने वाले
शिक्षा के अधिकार (आरटीई) ने स्कूलों में लड़के व लड़कियों का लगभग एक समान नामांकन सुनिश्चित किया है। फिर भी 2017 की एएसईआर (एन्युअल स्टेटस आॅफ एजुकेशन रिपोर्ट) के अनुसार, 18 साल की उम्र तक, जब राज्य आरटीई कानून के तहत अनिवार्य शिक्षा लागू नहीं करता, 28 प्रतिश्त लड़कों के मुकाबले 32 प्रतिशत लड़कियां स्कूलों में नामांकन नहीं कराती। इसके अलावा माध्यमिक या उच्च शिक्षा प्रदान करने वाले 40 (चालीस ) प्रतिशत स्कूल निजी, गैरसहायता प्राप्त संस्थान हैं, जिसके कारण शिक्षा के महंगे होने की संभावनाएं ज्यादा हैं और इस वजह से लड़कियां अपनी शिक्षा आगे जारी नहीं रखतीं। एएसईआर रिपोर्ट में इस ओर भी इशारा किया गया कि परिवार में वित्तीय कमी लड़कियों द्वारा उच्च शिक्षा छोड़ देने का प्रमुख कारण है। 25 प्रतिश्त से अधिक लड़कियां इस वजह से स्कूल छोड़ देती हैं। ऐसे में सच फाउंडेशन ने इस योजना की शुरुआत की है।