फतेहाबाद

घग्घर नदी में जलस्तर हुआ दोगुना, किसानों की धड़कने बढ़ी

फतेहाबाद (साहिल रुखाया)
लगातार 3 दिनों से जारी बरसात के चलते फतेहाबाद जिले से होकर गुजरने वाली घग्घर नदी में अचानक बढ़े जलस्तर ने जिले टोहाना व जाखल क्षेत्र के लोगों की चिंताए बढ़ा दी हैं। पिछले 24 घंटे में अचानक घग्घर नदी में जलस्तर दोगुना हो गया है और करीब 7 से 8 हजार क्यूसिक पानी नदी में बहना शुरू हो गया है। कई जगहों पर नदी के किनारे कमजोर होने के कारण नदी किनारे रहने वाले लोगों और किसान जलस्तर बढ़ते ही नदी की तरफ दौड़े। नदी में पानी देखकर लोगों में अफरा-तफरी मच गई और लोग पुल पर एकत्रित होकर नदी के जलस्तर की मात्रा नापते दिखे।

यहां आसपास रहने वाले लोगों में प्रशासन के खिलाफ गुस्सा भी दिखा और आरोप लगाया कि प्रशासन ने उन्हें नदी में जलस्तर बढऩे की कोई सूचना पहले से नहीं दी। लोगों ने आरोप लगाया कि नदी में जलस्तर अचानक बढ़ गया है लेकिन कोई भी प्रशासनिक अधिकारी नदी का मुआयना करने या गश्त करने मौके पर नहीं पहुंचा है। वहीं लगातार हो रही बरसात से फसलों पर भी आफत आन पड़ी है। जिला फतेहबाद में धान और नरमा-कपास की फसलों में 25 फीसदी से अधिक के नुकसान का अनुमान सामने आया है। कई जगहों पर खेतों में जलभराव होने के कारण किसान खेतों से पानी निकासी करते हुए दिखाई दिए। इसके अलावा जिले में कई जगहों पर मकान ढहने की भी घटनाएं सामने आई हैं।

फतेहाबाद शहर और जिले के भट्टूकलां कस्बे मे 4 से 5 मकान गिरने की जानकारी जिला प्रशासन के पास पहुंची है। फतेहाबाद के डीसी डॉ. जेके आभीर ने बरसात और घग्घर नदी के अचानक बढ़े जलस्तर के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि पिछले 3 दिनों से लगातार जारी बारसात के कारण जिले में फसलों में नुकसान हुआ है। किसानों ने बताया कि फसलों में जलभराव के कारण पकी हुई फसल खराब हो गई है। नरम-कपास की फसल के पौधे झुकने के कारण खराब हो गई है जबकि धान की फसल बिछ जाने से धान खराब हो गया है। धान की बजाय अभी तक खासकर नरमा-कपास की फसल में नुकसान अधिक है। डीसी आभीर ने बताया कि जिले से होकर गुजरने वाली घग्घर नदी से टोहाना व जाखल क्षेत्र में खतरा रहता है लेकिन फिलहाल जो जलस्तर नदी में है उससे चिंता नहीं है।

डीसी के अनुसार नदी में अचानक 7 से 8 हजार क्यूसिक पानी आया है और जिला प्रशासन की ओर से अधिकरियों को अलर्ट मोड पर रखा गया है। सभी संबंधित विभागों के अधिकारियों को कहा गया है कि वे नदी के जलस्तर पर नजर रखें और लगतार गश्त भी की जा रही है। डीसी ने बताया कि फतेहाबाद जिले में फसलों के नुकसान का आंकलन किया जा रहा है। फिलहाल जो प्राथमिक रिपोर्ट आई है उसके अनुसार फसलों में करीब 25 फीसदी तक नुकसान है और नरमा-कपास की फसल में ये नुकसान 25 फीसदी से अधिक होने का अनुमान है। डीसी ने बताया कि प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के जरिए फसलों के नुकसान की भरपाई करवाने की कार्रवाई शुरू कर दी गई है।

डीसी ने बताया कि अब तक प्रशासन के पास 3 हजार शिकायत फसल खराब होने की करीब अलग-अलग 36 गांवों से सोमवार तक प्राप्त हो चुकी हैं जिन पर अमल शुरू कर दी गई है। डीसी ने बताया कि इसके अलावा जिले में कई जगहों से मकानों छत गिरने और मकान ढहने की जानकारियां प्राप्त हुई हैं। 4-5 मामले सामने आए हैं जिसमें बरसात के कारण मकान गिरने की सूचना है और ऐसी जगहों पर अधिकारियों को भेजकर सर्वे करवाया जा रहा है। अभी तक किसी जानी नुकसान की खबर नहीं है और जिन लोगों के मकान गिरे हैं उनकी आर्थिक मदद की जाएगी चाहे वो जिला लेवल पर हो, कमिश्नर लेवल पर हो या फिर स्टेट लेवल पर हो, मदद जरूर की जाएगी।

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