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राजनाथ-किसान नेताओं में बनी बात, इन चार मांगों को सरकार ने माना

नई दिल्ली,
हरिद्वार से चला हजारों किसानों का काफिला अब दिल्ली की सरहद तक पहुंच गया है। मंगलवार को भारतीय किसान यूनियन की अगुवाई वाला मार्च गाजियाबाद पहुंचा और यहां पर पुलिस से झड़प हुई।

यूपी-दिल्ली बॉर्डर पर पुलिस ने यहां पर बैरिकैडिंग कर दी थी, जहां किसान और पुलिस के बीच तीखी बहस हो गई। इस दौरान पुलिस ने उन्हें रोकने के लिए पानी की बौछारें की और आंसू गैस के गोले छोड़े।

किसानों और पुलिस के बीच हुए संघर्ष के बाद किसानों के प्रतिनिधियों ने गृहमंत्री राजनाथ सिंह से मुलाकात की। इस दौरान कृषि राज्यमंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत भी मौजूद रहे। मुलाकात के बाद कृषि राज्यमंत्री ने बयान दिया कि अधिकतर मांगों पर सहमति बन गई है, किसानों को इस बात की जानकारी दी जा रही है। किसान नेताओं से बातचीत के दौरान ही राजनाथ सिंह ने भाकियू प्रमुख नरेश टिकैत से फोन पर बात की।

भारतीय किसान यूनियन के महासचिव युद्धवीर सिंह ने राजनाथ सिंह के साथ बैठक के बाद कहा कि सरकार ने हमारी 4-5 मांगों को मान लिया है। इनमें मुख्य रूप से चार बातों को मान लिया गया है।

1. कृषि उपकरणों को GST के 5 फीसदी दायरे में रखा जाएगा।

2. डीजल से चलने वाले पुराने ट्रैक्टरों पर से NGT का बैन हटा दिया जाएगा।

3. एमएसपी मामले पर ये सहमति बनी है कि किसानों के उत्पाद को कम कीमत या गलत तरीके से बेचने पर रोक के लिए सरकार कानून लाएगी।

4. फसल बीमा।

हालांकि, अभी किसानों की कर्ज माफी और स्वामीनाथन रिपोर्ट को पूरी तरह से लागू करने पर सहमति नहीं बन पाई है। किसान नेता ने बताया कि हम इस प्रस्ताव को लेकर लोगों के पास जाएंगे, अगर वो इसे नहीं मानते हैं तो आंदोलन जारी रहेगा।

कर्जमाफी और बिजली बिल के दाम करने जैसी मांगों को लेकर किसान क्रांति पदयात्रा 23 सितंबर को हरिद्वार से आरंभ हुई थी। जिसके बाद पश्चिमी उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर और मेरठ जिलों से गुजरते हुए किसान सोमवार (1 अक्टूबर) को गाजियाबाद तक पहुंच गए। जहां इन किसानों को रोक दिया गया। मंगलवार को पुलिस ने किसानों को रोकने के लिए आंसू गैस के गोले छोड़े और पानी की तेज बौछारें की। इसमें कई किसानों को चोट लगी है।

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