हिसार

परिवहन विभाग में नहीं एक पैसे का भी घाटा : कमेटी

हिसार,
हरियाणा रोडवेज कर्मचारी तालमेल कमेटी ने मुख्यमंत्री द्वारा परिवहन विभाग में 600 करोड़ रुपये का घाटा बताए जाने पर कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की है। तालमेल कमेटी ने कहा है कि ऐसी बात कहकर मुख्यमंत्री विभाग को जनता में बदनाम करने का प्रयास कर रहे हैं जबकि सच्चाई यह है कि विभिन्न श्रेणियों को दी जा रही निशुल्क यात्रा सुविधा की सबसिड़ी को परिवहन विभाग में जमा न करवाकर सरकार इस विभाग को दिवालियेपन के कगार पर धकेलना चाहती है। जहां तक अधिकारियों की बात है, समय-समय पर तालमेल कमेटी ने अधिकारियों के भ्रष्टाचार का उल्लेख करते हुए कार्रवाही की मांग की लेकिन सरकार ने इस ओर से सदैव आंखें मूंदे रखी। यही नहीं, निजी बस माफिया पर अंकुश न लगा पाने की अपनी असफलता का ठीकरा भी सरकार कर्मचारियों पर फोड रही है, जो निंदनीय है।

एक बयान में तालमेल कमेटी के वरिष्ठ सदस्य दलबीर किरमारा, हरिनारायण शर्मा, विरेन्द्र धनखड़, अनूप सहरावत, इन्द्र बधाना, जयभगवान कादियान व रमेश सैनी ने विभाग में घाटे की बात को सिरे से खारिज कर दिया। उन्होंने कहा कि परिवहन विभाग द्वारा छात्र-छात्राओं, पुलिस कर्मियों, खिलाडिय़ों, दिव्यांगों, गंभीर बीमारियों से पीडिय़ों, युद्ध विधवाओं, नौकरी का साक्षात्कार देने जाने वाले युवाओं, 60 वर्ष से अधिक आयु के वरिष्ठ नागरिकों तथा रक्षाबंधन के दो दिन महिलाओं व उनके साथ 15 साल तक के बच्चों सहित 42 श्रेणियों को मुफ्त एवं मामूली शुल्क पर यात्रा सुविधा की सबसिड़ी तथा 25 प्रतिशत यात्री कर को विभाग की आमदनी में जोड़ दिया जाए तो रोडवेज में एक पैसे का भी घाटा नहीं है। उन्होंने कहा कि रोडवेज यूनियनें कर्मचारियों का प्रतिनिधित्व करने के साथ-साथ जनता को बेहतर परिवहन सुविधा देने के लिए सरकार का सहयोग भी करती है और समय-समय पर सुझाव संबंधी ज्ञापन भी दिये जाते हैं परंतु सरकार एवं विभाग के उच्चाधिकारी उन पर कोई कार्रवाही करने की बजाय उन्हें रद्दी की टोकरी में डाल देते हैं।

रोडवेज नेताओं ने कहा कि लंबे मार्गों पर रोडवेज बसों को भारी नुकसान पहुंचाने वाली परिवहन स्कीम 2016-17 के साथ-साथ किलोमीटर स्कीम पर निजी कंपनियों को बहुत महंगे रेट पर हायर करना परिवहन विभाग के लिए भारी घाटे का सौदा है। तालमेल कमेटी ने कहा कि प्रदेशभर में अंतरजिला व अंतरराज्यीय मार्गों पर संचालित तीन हजार से भी ज्यादा बस माफियाओं पर सरकार एवं विभाग के उच्चाधिकारियों का कोई नियंत्रण नहीं है। यदि इन पर अंकुश लगाकर रोडवेज की बंद पड़ी बसों को चलवाया जाए तो यह विभाग अच्छी आय के साथ-साथ बेहतर व सुरक्षित सेवा देने में देश में ही नहीं बल्कि विश्वभर में एक नंबर पर आ सकता है।

तालमेल कमेटी ने सरकार को चेतावनी दी कि रोडवेज कर्मचारियों पर एस्मा के तहत की गई तमाम उत्पीडऩ की कार्रवाही वापिस नहीं ली गई और प्राइवेट बसें हायर करने की स्कीम रद्द नहीं की गई तो रोडवेज के हजारों कर्मचारी 6 अक्तूबर को पानीपत के मतलोढ़ा में परिवहन मंत्री के कैंप कार्यालय पर प्रदर्शन करते हुए घेराव करेंगे और यदि फिर भी सरकार नहीं चेती तो 16 व 17 अक्तूबर को दो दिन प्रदेशव्यापी हड़ताल करेंगे, जिसकी जिम्मेवारी सरकार की होगी।

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