रोहतक,
700 निजी बसों को हरियाणा सरकार द्वारा परमिट दिए जाने के विरोध में हरियाणा रोडवेज ने चक्का जाम को लेकर पुलिस व हड़ताली कर्मचारियों के बीच तनातनी हुई, इस दौरान रोहतक डिपो से पुलिस सुरक्षा के बीच लगभग 25 रोडवेज की बसों को निकाला गया। वही सवारियों कोई दिक्कत ना आए, इसलिए प्राइवेट बसों ने कमान संभाल रखी है। रोडवेज की बसों को सड़कों पर उतारने का हड़ताली कर्मचारियों ने विरोध भी किया, जिन्हें पुलिस ने हिरासत में ले लिया। इससे पहले पुलिस ने कर्मचारियों पर बल प्रयोग किया। बल प्रयोग के दौरान राज्य प्रधान वीरेन्द्र सिंह धनखङ, जयप्रकाश बैनीवाल, जलकरण बल्हारा, सुमेर सिवाच काफी चोट आई। कर्मचारियों का आरोप है कि सरकार विभाग को निजीकरण की ओर धकेल रही है, जो बर्दास्त नही किया जाएगा। जब तक सरकार निजी बसों का फैंसला वापस नही लिया जाएगा तब तक उनका आंदोलन जारी रहेगा।
हरियाणा सरकार ने 720 प्राइवेट बसों को परमिट दे दिए हैं। जिसका हरियाणा रोडवेज के कर्मचारी काफी लंबे समय से विरोध कर रहे हैं। इसी विरोध के चलते 16 व 17 अक्टूबर को चक्का जाम करने की घोषणा की गई थी। जिसे देखते हुए विभाग ने यात्रियों की सुविधा को देखते हुए इंतजाम कर दिए थे। भारी संख्या में पुलिस बल तैनात किया गया था। ताकि रोडवेज की बसों को चलाया जा सके। जैसे ही सुबह बसों को निकालने का काम शुरू किया गया, हड़ताली कर्मचारियों ने विरोध शुरू कर दिया। जिसके चलते कर्मचारियों को हिरासत में ले लिया गया। वही यात्रियों की सुविधा को देखते हुए प्राइवेट बसों ने भी कमान संभाल ली है।
रोहतक डिपो के प्रबंधक राहुल जैन ने कहा कि चक्का जाम की वजह से कोई दिक्कत यात्रियों को नही आने दी जाएगी। पुलिस सुरक्षा में 25 हरियाणा रोडवेज की बसों को रवाना किया गया है। प्राइवेट बसें भी सवारियों को गन्तव्य तक लॉकर जा रही हैं। कर्मचारियों को मनमानी नही करने दी जाएगी। जो भी विरोध करेगा उसके खिलाफ कार्यवाही की जाएगी।
तालमेल कमेटी के सदस्य धर्मबीर हुड्डा का कहना है कि सरकार तानशाही रवैया अपनाते हुए विभाग को निजीकरण की ओर धकेल रही है। जो बर्दास्त नही होगा। जब तक प्राइवेट बसों को परमिट देने का फैंसला वापस नही लिया जाएगा, तब तक उनका आंदोलन जारी रहेगा।