हिसार

किलोमीटर स्कीम के तहत बसें चलाने में घोटाले का सरकार ने स्वयं किया उजागर: कमेटी

हिसार,
हरियाणा रोडवेज तालमेल कमेटी के आह्वान पर चल रही राज्यव्यापी हड़ताल का आज तीसरे दिन भी हिसार डिपो में व्यापक असर नजर आया। हिसार डिपो में रोडवेज का पूर्ण रूप से चक्का जाम रहा।
कर्मचारी नेता राजपाल नैन, राम सिंह बिश्नोई, अरूण शर्मा, सतपाल डाबला, रमेश माल व पवन बूरा ने कहा कि रोडवेज कर्मचारी विभाग को बचाने के लिए आंदोलनरत हैं। उन्होंने कहा कि सरकार कर्मचारियों से बातचीत करने को तैयार नहीं है, जिसके चलते हड़ताल लंबी होती जा रही है। उन्होंने कहा कि इसके लिए राज्य सरकार की हठधर्मिता जिम्मेवार है।
उन्होंने कहा कि रोडवेज कर्मचारी किलोमीटर स्कीम के तहत प्राइवेट बसें चलाने में घोटाला होने का संदेह जता रहे हैं, उसको स्वयं सरकार ने भी साबित कर दिया है। उन्होंने बताया कि हड़ताल के दौरान प्राइवेट बसें से समझौता किया गया है, जिसके तहत प्राइवेट बस को 30 रुपए प्रति किलोमीटर की दर से भुगतान किया जाएगा और बस में चालक व परिचालक दोनों प्राइवेट होंगे। उन्होंने कहा कि सभी जानते हैं कि एमरजेंसी में अधिक राशि ली जाती है, लेकिन यहां उल्टा हुआ है। वहीं राज्य सरकार द्वारा किलोमीटर स्कीम के तहत जो बसें ली गई हैं उनको 36 से 39 रुपए प्रति किलोमीटर की दर से भुगतान किया जाएगा। इन बसों में परिचालक सरकार का होगा। इससे साफ है कि किलोमीटर स्कीम के तहत एक बड़े घोटाले को अंजाम दिया जा रहा है, जिसकी जांच होनी चाहिए।
कर्मचारी नेताओं ने कहा कि इससे भाजपा सरकार का असली चेहरा उजागर हो गया है। उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार को आम जनता की नहीं अपितु पूंजीपतियों के हितों की चिंता है। प्रदेश में कोई भी वर्ग प्राइवेट बसें नहीं चाहता, फिर भी सरकार हर हत्थकंडा अपना कर प्राइवेट बसें चलाना चाहती है।
उन्होंने कहा कि हड़ताल को विफल करने के लिए सरकार व प्रशासन ने हर हत्थकंडा अपना लिया, लेकिन सरकार कर्मचारियों की एकता को तोडऩे में विफल साबित हुई है। उन्होंने कहा कि भर्ती किए गए नए चालकों को सेवा समाप्ति के नोटिस जारी करने का भी रोडवेज के कर्मचारियो पर कोई असर नहीं पड़ा। रोडवेज की तालमेल कमेटी के बैनर के नीचे आज सरकार के खिलाफ कर्मचारी वर्ग ने साबित कर दिया कि रोडवेज के कर्मचारी सरकार एस्मा जैसी उत्पीडऩपूर्ण कार्यवाही से डरने वाले नहीं हैं।
उन्होंने आगे कहा कि सरकार दमन के रास्ते पर चलकर कर्मचारी आन्दोलनों को नहीं रोक पाएगी किसी भी समस्या का समाधान बातचीत के माध्यम से ही सम्भव है तथा कर्मचारी नेताओं ने एक बार फिर जोर देकर कहा कि रोडवेज कर्मचारी हड़ताल नहीं चाहते थे, लेकिन सरकार ने तालमेल कमेटी के वरिष्ठ नेताओ को बातचीत के लिए न बुलाकर रोडवेज कर्मचारियों को हड़ताल के लिए मजबूर किया है। उन्होंने कहा कि सरकार इस प्रकार से तानाशाहीपूर्ण रवैये को अपनाए रही तो रोडवेज कर्मचारी अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाने को मजबूर होंगे, जिसकी जिम्मेदार प्रदेश सरकार होगी।

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