हिसार

सरदाना की जीत ने घरानों को हैसियत दिखाई, समाज सेवा की हुई जीत

हिसार,
नगर निगम के मेयर पद पर गौतम सरदाना ने बड़ी जीत हासिल की है। उनकी जीत सही अर्थों में समाजसेवा और भाईचारे की जीत मानी जा सकती है। गौतम सरदाना को जिस तरह से वोट मिले है इससे साफ है कि जनता अब जागरुक हो चुकी है। वे किसी घराने या बड़े नेताओं की मौजूदगी के स्थान पर सुख—दुख में काम आने वाले और समाजसेवा में बढ़चढ़कर भाग लेने वाले उम्मीदवार को ही पसंद करती है। हिसार में 20 पार्षदों में से भाजपा के अधिकतर पार्षद चुनाव हार गए। इससे साफ होता है कि यहां जीत भाजपा की नहीं बल्कि गौतम सरदाना की साफ छवि की हुई है।

पंजाबी नहीं हर वर्ग ने दिए वोट
गौतम सरदाना को पंजाबी नेता के रुप में पहचाना जाता रहा है। लेकिन मेयर चुनाव में गौतम सरदाना को जिस तरह हर वार्ड से वोट मिला है, उससे साफ है ​कि हर वर्ग गौतम सरदाना की साफ छवि का कायल हो चुका था। साफ छवि और समाज सेवा की लग्न ने उनको हर वर्ग में सम्मान दिलवाया और जीत का सेहरा उनके सिर पर बांध दिया।

अग्रवाल समाज में भी जीत
मेयर चुनाव को लेकर आंकलन किया जा रहा था कि अग्रवाल वोट सावित्री जिंदल के प्रचार में उतरने के कारण रेखा ऐरन को एकतरफा मिलेंगे। लेकिन स्थिती इससे अलग देखने को मिलीे। अग्रवाल समाज ने दिल खोलकर गौतम सरदाना को वोट किया। इसी प्रकार माना जा रहा था कि मिलगेट क्षेत्र से रेखा ऐरन को वोट मिलेंगे—लेकिन वहां भी सरदाना को अच्छे वोट मिले। इससे साफ हो गया है कि जिंदल हाउस का जादू हिसार की जनता ही नहीं अग्रवाल सामज से भी उतरता जा रहा है। जिंदल हाउस के साथ—साथ बिश्नोई परिवार की साख भी इस चुनाव में घटी है। गली—गली में रेणुका बिश्नोई के प्रचार करने के बाद भी रेखा ऐरन की हार साफ करती है कि कुलदीप बिश्नोई को आने वाले समय में काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ेगा।

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Jeewan Aadhar Editor Desk