फतेहाबाद (साहिल रुखाया)
हरियाणा गौसेवा आयोग के चैयरमेन भानी राम मंगला ने कहा कि प्रदेश की गौशालाओं में बायो सीएनजी प्लांट लगाए जाएंगे। पायलेट प्रोजेक्ट के रूप में गुरूग्राम की गौशालाओं में यह प्लांट लगाया गया है। इसके अलावा प्रदेश की 278 गौशालाओं में 15 करोड़ रुपये की लागत से मुख्यमंत्री गौशाला जगमग योजना के तहत सौलर पॉवर यंत्र भी लगाए जाएंगे। वे वीरवार को फतेहाबाद के लोक निर्माण विश्राम गृह में पत्रकारों से बातचीत कर रहे थे। गौसेवा आयोग के चैयरमेन ने बताया कि प्रदेश सरकार गौशालाओं को स्वावलंबी बनाने की दिशा में कदम उठा रही है। प्रदेश की ऐसी 35 गौशालाओं में 90 प्रतिशत सब्सिडी की दर से ऐसी मशीन दी गई है, जो गोबर के डंडे, धूप, अगरबत्ती, गौअर्क बनाने में काम आएगी। उन्होंने बताया कि ऐसा कर गौशालाएं आर्थिक रूप से स्वावलंबी बनेगी।
गौ हत्या करने वाले को 10 साल की कैद
गौसेवा आयोग के चैयरमेन ने बताया कि प्रदेश में भाजपा सरकार ने बनते ही विधानसभा में गौसंरक्षण और गौसंवर्धन के लिए एक विधेयक पारित किया। उन्होंने कहा कि हरियाणा गौ-वंश संरक्षण व गौसंवर्धन अधिनियम-2015 के अंतर्गत गौ हत्या करने वाले व्यक्ति को 10 वर्ष तक का कारावास व एक लाख रुपये तक के जुर्माने का प्रावधान किया गया है। अवैध गौ तस्करी करने वाले व्यक्ति को सात वर्ष तक की कैद एवं उस अवैध परिवहन में प्रयोग किये जाने वाले वाहन को जब्त करने के अतिरिक्त 70 हजार रुपये तक के जुर्माने का प्रावधान इस कानून में किया गया है। जुर्माने की राशि अदा न करने पर एक साल तक की अतिरिक्त कैद का प्रावधान भी किया गया है। चैयरमेन ने कहा कि राज्य में टास्क फोर्स का भी गठन किया गया है।
प्रदेश में 523 गौशाला
भानीराम मंगला ने कहा कि जेलों में गौशालाएं खोली जाएंगी। ऐसी पांच जेलों में गौशालाएं खोलने पर काम शुरू हुआ है, जिन जेलों के पास 50-70 एकड़ भूमि है। करनाल में इस दिशा में काम शुरू हो चुका है और जल्द ही अन्य जेलों में काम शुरू किया जाएगा। उन्होंने बताया कि प्रदेश में हिसार व पानीपत जिलों में 50-50 एकड़ भूमि पर गौअभ्यारण बनाए जा रहे हैं। इसके अलावा गांवों में गांव स्तर पर ग्रामीण गौसेवा केंद्र के तहत गौशालाओं और नंदीशालाओं को बनाने की दिशा में भी काम हुआ है। ऐसी ग्राम पंचायतों को जो अपने गांवों में एक या इससे अधिक एकड़ की भूमि पर ऐसी गौशालाएं बनाएंगे, उन्हें एकमुश्त पांच लाख रुपये की राशि गौसेवा आयोग की तरफ से दी जाएगी। उन्होंने बताया कि पहले प्रदेश में 360 गौशालाएं व नंदीशालाएं थी, अब उनकी संख्या बढक़र 523 हो गई है। इन गौशालाओं में एक लाख 5 हजार गाय और नंदी रखे गए है। अभी 15 से 20 हजार बेसहारा पशु इन गौशालाओं में भेजा जाएगा। उन्होंने बताया कि दुधारू गायों को छोडऩे वाले लोगों पर 5100 रुपये का दंड लगाने का प्रावधान भी किया गया है। हर जिला में एडीसी की अध्यक्षता में कमेटी का गठन किया गया है। यह कमेटी बेसहारा पशुओं को नंदीशाला और गौशाला में भेजने का काम करेगी।
23 करोड़ 40 लाख रुपये का दिया अनुदान
आयोग के चैयरमेन ने बताया कि गायों का डाटा एकत्रित किया गया है और उन पर टैगिग करवाई गई है। अब आयोग ऐसी एप्प पर काम कर रहा है, जिसके तहत बेसहारा घुम रही टैगिग किए हुए पशु की पहचान की जा सकेगी की उस पशु को किस गौशाला ने बेसहारा छोड़ा है। उन्होंने बताया कि राज्य सरकार गाय को राज्य प्राणी घोषित करने पर विचार कर रही है। आयोग ने ऐसी प्रार्थना राज्य सरकार को की है। उन्होंने बताया कि आयोग के गठन के बाद वर्तमान कार्यकाल में आयोग ने गौशालाओं और नंदीशालाओं को 23 करोड़ 40 लाख रुपये की अनुदान राशि दी है। जिला फतेहाबाद में भी 3 करोड़ 56 लाख रुपये की राशि दी गई है।