हिसार

मनोहर सरकार ने तेजाब हमले की पीड़िताओं के जख्मों पर लगाया मरहम, महिलाओं व लड़कियों के लिए 5 से 9 हजार रुपये महीने पेंशन का प्रावधान किया

हिसार,
हरियाणा सरकार ने तेजाब हमलों की पीडि़त महिलाओं व लड़कियों के जख्मों पर मरहम लगाने के लिए बहुत महत्वपूर्ण योजना शुरू की है। इसके तहत एसिड अटैक पीडि़ताओं के लिए 5 हजार से 9 हजार रुपये मासिक पेंशन का प्रावधान किया गया है। इसके अलावा ऐसी पीडि़ताओं को महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा इलाज आदि के लिए 50 हजार रुपये से 3 लाख रुपये की आर्थिक मदद भी प्रदान की जाती है। एसिड हमले के पीडि़त अब पेंशन के लिए घर बैठे, अंत्योदय केंद्रों अथवा अटल सेवा केंद्रों के माध्यम से ऑनलाइन आवेदन भी कर सकते हैं।
उपायुक्त अशोक कुमार मीणा ने बताया कि प्रदेश सरकार ने किसी अन्य व्यक्ति द्वारा किए गए एसिड अटैक से पीडि़त हुई महिला व लड़कियों को स्वाभिमान के साथ जीवन यापन करने में मदद प्रदान के लिए आर्थिक सहायता देने का प्रावधान किया है। महिला एवं बाल विकास विभाग के माध्यम से ऐसी महिलाओं को निरंतर मदद व पुनर्वास के लिए सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग से प्रति माह दिव्यांगता के प्रतिशत के आधार पर 5 से 9 हजार रुपये की आर्थिक सहायता प्रदान की जाएगी।
उन्होंने बताया कि समाज में अक्सर किसी महिला या लडक़ी पर एसिड से हमले के दुखद समाचार सामने आते हैं। इन हमलों से कई बार तो पीडि़ता के देखने व सुनने की क्षमता भी समाप्त हो जाती है और भोजन की नली में तेजाब जाने से उसे कई प्रकार की अन्य शारीरिक समस्याएं भी झेलनी पड़ती है। एसिड अटैक से उस पीडि़ता के सामाजिक सम्मान और आत्माभिमान को गहरी ठेस पहुंचती है जिससे उसकी आजीविका के अवसर भी प्रभावित होते हैं। प्रत्येक पीडि़त के पास एसिड हमले के महंगे इलाज की सामथ्र्य नहीं होती है। इन सबके मद्देनजर यह सामाजिक सुरक्षा योजना पीडि़त महिला या लडक़ी के जख्मों पर मरहम लगाने का काम करेगी।
उन्होंने बताया कि इस नई योजना के तहत 2 मई 2011 या उसके पश्चात एसिड अटैक की शिकार हुई ऐसी सभी महिलाओं व लड़कियों को 5 से 9 हजार रुपये मासिक पेंशन का लाभ प्रदान किया जाएगा जिन्हें तेजाबी हमले से बदसूरती या दिव्यांगता का सामना करना पड़ा हो। हरियाणा निवासी या हमले से तीन साल पहले तक हरियाणा में रहने वाली पीडि़ताएं योजना का लाभ लेने के लिए पात्र होंगी। पीडि़ता अथवा उसके अभिभावकों द्वारा पेंशन के लिए सरल पोर्टल पर ऑनलाइन आवेदन किया जा सकता है। इसके लिए जिला समाज कल्याण अधिकारी को भी आवेदन किया जा सकता है।
उपायुक्त ने बताया कि पीडि़ता यदि नाबालिग है तो उसकी ओर से उसके अभिभावक या संरक्षक आवेदन कर सकते हैं। पीडि़ता यदि शादीशुदा है तो उसके पति द्वारा भी आवेदन किया जा सकता है। आवेदन के साथ मेडिकल बोर्ड से जारी पीडि़ता का मेडिकल सर्टिफिकेट, एफआईआर की कॉपी तथा महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा प्रदान की गई एकमुश्त आर्थिक सहायता का प्रमाण पत्र जमा करवाया जाना अनिवार्य है।
उन्होंने बताया कि पीडि़त महिला व लडक़ी को मासिक पेंशन उसकी दिव्यांगता के आधार पर प्रदान की जाएगी। उन्होंने बताया कि एसिड अटैक के कारण 40 से 50 प्रतिशत दिव्यांगता होने पर दिव्यांग पेंशन (2000 रुपये) का 2.5 गुणा यानी 5 हजार रुपये, 51 से 60 प्रतिशत दिव्यांगता होने पर दिव्यांग पेंशन का 3.5 गुणा (7 हजार रुपये) तथा 61 प्रतिशत से अधिक दिव्यांगता होने पर दिव्यांग पेंशन का 4.5 गुणा यानी 9 हजार रुपये मासिक पेंशन पीडि़ताओं को प्रदान की जाएंगी।
जिला समाज कल्याण अधिकारी डॉ. दलबीर सिंह सैनी ने बताया कि अब तक जिला में 2 एसिड अटैक पीडि़ताओं के आवेदन प्राप्त हुए हैं जिनकी पेंशन बन चुकी है। उन्होंने बताया कि विभाग द्वारा सामाजिक सुरक्षा की 9 योजनाओं के तहत जिला में 203036 लाभार्थियों को पेंशन योजनाओं का लाभ प्रदान किया जा रहा है।
उन्होंने बताया कि वृद्धावस्था सम्मान भत्ता योजना के तहत जिला के 116778 बुजुर्गों, दिव्यांग पेंशन के तहत 11760 दिव्यांगों, विधवा पेंशन के तहत 57419 लाभार्थियों, लाडली सामाजिक सुरक्षा योजना के तहत 3280 लड़कियों, बौना भत्ता योजना के तहत 2 तथा एक किन्नर लाभार्थी को दो-दो हजार रुपये मासिक पेंशन प्रदान की जा रही हैं। इनके अलावा 12781 निराश्रित बच्चों को प्रतिमाह 1100 रुपये तथा 1013 स्कूल न जाने वाले दिव्यांग बच्चों को 1400 रुपये प्रतिमाह पेंशन उपलब्ध करवाई जा रही है।

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