हिसार,
मछली पालन फार्म के नाम पर अधिकारियों से मिलीभगत फर्जी बिल बनाकर लगभग 12 लाख 50 हजार रुपये की राशि हड़पने का एक और मामला सामने आया है। इससे पूर्व भी गांव न्योली खुर्द में भी ऐसा ही एक मामले की शिकायत जनवरी माह में उपायुक्त से की गई थी। शिकायतकर्ता कुलेरी निवासी संदीप पुत्र रत्न सिंह जिला उपायुक्त को एक शिकायत देकर इस संबंध में कार्यवाही की मांग की है। उन्होंने बताया कि वे एक सामाजिक कार्यकर्ता हैं। संदीप ने आरोप लगाया कि गांव के ही कुलदीप पुत्र हरफूल ने झींगा मछली फार्म के फर्जी कागजात व बिल बनवाकर विभाग के अधिकारियों से मिलीभगत करके 12 लाख 50 हजार रुपये की हेरफेर की है।
उन्होंने बताया कि कुलदीप ने अफसरों से मिलीभगत करके व नकली फर्म बनाकर नकली बिल दे रखे हैं और सूर्या ट्यूबवैल स्टोर आमदपुर की फर्म जो कि आदमपुर मंडी में स्थित है इस फर्म का नाम बालसंद गांव में दिखाया गया है और बिल में जो फोन नंबर दिखाए गए वो भी गलत हैं और टीन नंबर भी आदमपुर सूर्या ट्यूबवैल दिखाया गया है जो कि गलत व गैर कानूनी है। इससे स्पष्ट होता है कि भ्रष्टाचार के लिए सभी नियमों को ताक पर रखकर सरकार को चूना लगाया जा रहा है इसलिए जिला उपायुक्त को इस मामले में गंभीरता से संज्ञान लेते हुए जांच करवानी चाहिए क्योंकि यह मामला केवल एक दो गांवों का नहीं बल्कि मछली पालन के नाम पर भ्रष्टाचार का बड़ा घोटाला उजागर हो सकता है।
संदीप ने बताया कि उन्होंने इस संबंध में उन्होंने 8 नवंबर 2018 को सी.एम. विंडो में भी दी थी लेकिन उसमें जांच अधिकारी मछली पालन विभाग के डीडीपीओ बलबीर सिंह ने कोई संतोषजनक कार्यवाही नहीं की। वहीं कुलदीप के भाई मंगतूराम ने भी फर्जी मीठे पानी का मछली पालन को जोहड़ दिखाकर विभाग से मिलीभगत करके लाखों रुपयों की सब्सिडी हासिल की है जबकि मंगतूराम के खेत में ना ही कोई जोहड़ है और न ही कोई मछली उसके खेतों में गेहूं की फसलों की बिजाई कर रखी है जो कि गैर कानूनी है। संदीप ने जिला उपायुक्त को शिकायत कर उक्त मामलों की जांच कर आरोपियों के खिलाफ सख्त कानूनी कार्यवाही करने की मांग की है ताकि भ्रष्टाचार का बड़ा मामला उजागर हो सके और सरकार को लाखों रुपये का चूना लगने से बचाया जा सके।