फतेहाबाद (साहिल रुखाया)
जाखल इलाके से 4 साल पहले 5 साल की उम्र में गुम हुई एक बच्ची अमृतसर के नारी निकेतन में मिली है। अमृतसर में लावारिस जिंदगी जी रही इस बच्ची के परिजनों के बारे में पता तब चला जब अमृतसर के नारी निकेतन के कर्मचारी उसका आधार कार्ड बनाने के लिए उसे एक सेंटर में लेकर पहुंचे। जब उसके फिंगर प्रिंट लगवाए गए तो उसका पूरा बायोडाटा निकलकर सामने आ गया। पंजाब पुलिस और नारी निकेतन के स्टाफ के लोग शुक्रवार को बच्ची को लेकर फतेहाबाद के जिला बाल सरंक्षण अधिकारी के कार्यालय में पहुंचे। जहां बच्ची उसके परिवार को सौंपी गई।
बच्ची की मां राजबाला ने बताया कि वह मजदूरी का काम करती है। 4 साल पहले जब वह अपने काम पर गई हुई थी तो इस दौरान उसकी बेटी नेहा घर थी। जो थोड़ी मंदबुद्धि है। जब वापस लौटी तो देखा कि वह अपने घर नहीं थी। काफी ढूंढा, लेकिन वह कही नहीं मिली। इसके बाद मामले की शिकायत जाखल पुलिस को दी गई। पुलिस ने इस पर मामला दर्ज कर लिया।
अमृतसर में बने नारी निकेतन की अटेंडेट नीलम ने बताया कि ढ़ाई साल पहले अमृतसर पुलिस को एक बच्ची मिली थी जो मंदबुद्धि होने के कारण कुछ भी बता नहीं पा रही थी। उसे नारी निकेतन में रखा गया। उसे दौरे आते थे। इसको देखते हुए पंजाब के सरकारी अस्पताल से उसका ईलाज शुरू करवाया गया। ढ़ाई साल बाद जब उसका आधार कार्ड बनवाने के लिए वे बच्ची को सेंटर पर लेकर पहुंचे तो उसका जैसे ही फिंगर प्रिंट लिया गया तो पता चला कि उसका आधार कार्ड बना हुआ है। उसकी पूरी जानकारी निकल गई। उसमें पता चला कि वह जाखल की रहने वाली है। यह पता चलते ही फतेहाबाद जिला बाल सरंक्षण समिति के अधिकारियों से बातचीत की गई है।
बच्ची को अमृतसर पुलिस लाइन के एचसी अमरपाल सिंह, लेडी कास्टेबल सिमरदीप, जगनजोत कौर व अटेंडेट नीलम शुक्रवार को फतेहाबाद के जिला बाल सरंक्षण समिति में उसे लेकर पहुंचे। जहां जिला बाल सरंक्षण अधिकारी प्रदीप कुंडू ने मामले की सूचना नेहा के परिवार को दी। जैसे ही परिवार पहुंचा तो नेहा ने अपनी बहन व मां को देखते ही कहा मां और दीदी। उसे तभी पहचान लिया।
वहीं अपनी बेटी को देखकर मां राजबाला रोने लगी। जिला बाल संरक्षण अधिकारी ने बताया कि करीब साढ़े तीन साल-चार साल पहले बच्ची घर से लापता हो गई थी। अब अमृतसर में मिली है। उसे फतेहाबाद लाकर परिवार को सौंप दिया गया है।