चण्डीगढ़,
हरियाणा प्रदेश व्यापार मण्डल के प्रान्तीय अध्यक्ष व हरियाणा कान्फैड के पूर्व चैयरमैन बजरंग गर्ग ने कोटन मिलरों की समस्या सुनने के उपरान्त कहा कि सरकार की गलत नीतियों के कारण हरियाणा से लगभग 25 कपास मिल्स बन्द होकर पड़ोसी राज्य राजस्थान में चली गई हैं और काफी कपास मिल्स बन्द होने के कगार पर हैं। इसका मुख्य कारण पड़ोसी राज्य राजस्थान में कपास मिल्स लगाने पर पूरी तरह मार्किट फीस को हटाना, जमीन खरीदने पर स्टाम्प डयूटी ना लेना, बिजली की दरें कम करना और जीएसटी में 50 प्रतिशत की छूट देने के साथ-साथ बैंक ब्याज की दरें कम करना है। राजस्थान सरकार द्वारा अनेकों प्रकार की छूट देने से कपास उद्योग हरियाणा से पलायन करके लगातार राजस्थान में जा रहा है, इसके कारण हरियाणा के कपास मिलरों, आढ़तियों व किसानों को भारी नुकसान उठाना पड़ रहा है। प्रान्तीय अध्यक्ष बजरंग गर्ग ने कहा कि हरियाणा सरकार को राजस्थान की तरह हरियाणा में भी कपास पर मार्किट फीस समाप्त करनी चाहिए और राजस्थान सरकार जो भी सुविधा कपास मिलरों को देने जा रही है, वही सुविधा हरियाणा सरकार प्रदेश के कपास मिलरों को दे।
उन्होंने कहा कि हरियाणा सरकार ने लगभग तीन साल पहले हरियाणा के हिसार जिले में टैक्सटाईल हब बनाने की घोषणा की थी, मगर तीन साल निकलने के बावजूद भी अभी तक टैक्सटाईल हब बनाने का काम शुरू नहीं हुआ। जब हरियाणा में कपास मिल्स ही नहीं रहेंगी तो प्रदेश में टैक्सटाईल हब कैसे कामयाब होगा। श्री गर्ग ने कहा कि हरियाणा सरकार को प्रदेश के किसान, मिलर, आढ़तियों व मजदूरों के हित में कपास पर मार्किट फीस समाप्त करने के साथ-साथ हर प्रकार की सुविधा देनी चाहिए ताकि कपास मिल्स जो हरियाणा से पलायन कर रही हैं उन्हें रोका जा सके।